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क्लबफुट से मुक्ति की ओर कदम: चार बच्चों को निःशुल्क इलाज के लिए भेजा गया भागलपुर

चार बच्चों-अदीब, हामिद, आहिल रजा और सिफत परवीन को निःशुल्क इलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएनएमसीएच), भागलपुर भेजा गया.

किशनगंज.क्लबफुट जैसी जन्मजात विकृति से पीड़ित बच्चों के बेहतर इलाज के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में, आज चार बच्चों-अदीब, हामिद, आहिल रजा और सिफत परवीन को निःशुल्क इलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएलएनएमसीएच), भागलपुर भेजा गया.

क्या है क्लबफुट? क्यों है समय पर इलाज जरूरी?

क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है, जिसमें बच्चे के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं. यदि समय रहते इसका सही इलाज न हो, तो बच्चे को जीवनभर चलने में कठिनाई हो सकती है. अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह ठीक किया जा सकता है, बस जरूरत है समय पर इलाज और जागरूकता की.

सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से मिलेगा जीवनभर का आराम

आरबीएसके के तहत क्लबफुट से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उन्हें सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज दिलाया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत अब तक कई बच्चों को इलाज मिल चुका है, जिससे वे सामान्य जीवन जीने की राह पर हैं.

स्वास्थ्य विभाग की पहल: एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि

इससे पहले भी कई क्लबफुट से ग्रसित बच्चों को इलाज के लिए भेजा गया है. आरबीएसके की टीम हर जरूरतमंद तक पहुंचकर यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे.

“बच्चों की जांच कराएं, इलाज बिल्कुल मुफ्त है “- सिविल सर्जन की अपील

किशनगंज के सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि “क्लबफुट जैसी जन्मजात समस्या का सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को पहचान कर उन्हें विशेषज्ञ इलाज के लिए भेजा जा रहा है. मैं सभी अभिभावकों से अपील करता हूं कि वे अपने बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं और यदि कोई समस्या हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें. यह इलाज पूरी तरह निःशुल्क है.

सरकारी योजनाओं का लाभ लें, बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करें-जिलाधिकारी की अपील

किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि बच्चों का स्वस्थ जीवन हर माता-पिता की प्राथमिकता होनी चाहिए. क्लबफुट जैसी समस्याओं का समय पर इलाज आवश्यक है, ताकि बच्चे बिना किसी परेशानी के सामान्य जीवन जी सकें. मैं सभी अभिभावकों से अनुरोध करता हूं कि वे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं और अपने बच्चों को समय-समय पर जांच के लिए अस्पताल लाएं.

आरबीएसके टीम का योगदान: “हमारा मिशन-हर बच्चे तक पहुंचे इलाज

आरबीएसके डीआईसी प्रबंधक सह जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा,हमारी टीम लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर क्लबफुट और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों की पहचान कर रही है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा इलाज से वंचित न रहे. क्लबफुट जैसी समस्याओं का अगर समय पर इलाज किया जाए, तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है. अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों की नियमित जांच करवाएं और किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करें.

बच्चों के अभिभावकों के लिए जरूरी

क्लबफुट का इलाज पूरी तरह निःशुल्क है.

समय पर इलाज से बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है.

आरबीएसके टीम जरूरतमंद परिवारों को हर संभव सहायता देती है.

हर बच्चे को स्वस्थ भविष्य देने के लिए अभिभावकों को जागरूक होना जरूरी है.

आपका एक कदम, आपके बच्चे का स्वस्थ भविष्य

डीपीएम डॉ मुनाजिम ने बताया कि अगर आपके परिवार या आसपास कोई बच्चा क्लबफुट या अन्य जन्मजात विकृति से पीड़ित है, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल में संपर्क करें. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं और अपने बच्चे को स्वस्थ भविष्य दें.स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य: “हर बच्चा स्वस्थ, हर परिवार खुशहाल “सरकार और स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चा स्वस्थ जीवन जी सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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