बहादुरगंज. शहर के शिवपुरी स्थित शिवालय के जीर्णोद्धार का रास्ता अब साफ होने लगा है. इसी क्रम में पांच दशक से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर के नये सिरे से निर्माण को लेकर मंगलवार को शिवालय परिसर में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. जहाँ बैठक में सर्वसम्मति से जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंचे इस पुराने मंदिर को तोड़ कर नए मंदिर के निर्माण का निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान कमिटी ने साफ किया कि शहर का एकमात्र यह शिवमंदिर जर्जर स्थिति में जा पहुंचा है जिसका अब समय रहते ही जीर्णोद्धार आवश्यक है. इससे पहले बैठक में मंदिर निर्माण कार्य का शुभारंभ आगामी 21 अगस्त से करने पर सबों ने एक सुर से सहमति दी एवं लगे हाथ ही परिसर में भव्य मंदिर निर्माण के प्राक्कलन पर भी जमकर चर्चा की गयी. इस दौरान कमिटी के उपस्थित भक्तजनों ने मंदिर के लेखा – जोखा सहित दूसरे महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी उठाया. बतातें चलें बहादुरगंज का यह शिवालय की आधारशिला वर्ष 1968 में रखा गया था. तत्कालीन उस वक्त में यह परिसर बिना किसी पिलर के ही तैयार हुआ था , जो तकरीबन 5 दशक से ज्यादा वक्त में जर्जर स्थिति में पहुंच गया. इस बीच व्यवस्था के हाल में समुचित देखरेख के अभाव के चलते परिसर की छत से वर्षों से पानी टपकना शुरू हो गया. हालांकि मंदिर कमिटी के द्वारा बीते कई वर्षों से उक्त मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार के साथ ही माता पार्वती मंदिर निर्माण की योजना भी बनाई जा रही थी , जो अब धरातल पर उतरने की तैयारी में है. इसी कड़ी में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर शिवालय कमिटी सहित क्षेत्र के प्रबुद्ध भक्तजन अब निर्माण कार्य को लेकर एकजुट हैं. बैठक में राम कुमार अग्रवाल, नप बहादुरगंज के पूर्व मुख्य पार्षद पवन कुमार अग्रवा, भाजपा नेता वरुण कुमार सिंह, व्यवसायी निर्मल संचेती, सत्यनारायण अग्रवाल, राजू शर्मा, अजय कुमार सिन्हा, पार्षद संजय भारती, जिला पार्षद खोशो देवी, पार्षद बंटी सिन्हा, अमित सरकार, जयदेव कुमार, किशलय सिन्हा, मुन्ना दास, जीवन राम, वीरेंद्र झा, शुभम कुमार, पंकज कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल थे.
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