किशनगंज.किशनगंज नगर परिषद में डस्टबिन घोटाला के बाद अब डंपिंग यार्ड की जमीन खरीदगी में घोटाले का जिन्न सामने आया है. इस बात का खुलासा खुद वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने किया है. इस घोटाले का आरोप नगर परिषद के दो पूर्व कार्यपालक पदाधिकारियों पर लगा है. नगर परिषद किशनगंज के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम और पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार पर लगे है. दरअसल 2018 में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी इरफान खान के कार्यकाल में महेशबथना मौजा में नगर परिषद द्वारा डंपिंग यार्ड के लिए 12 एकड़ 59 डिसमिल है खरीदी थी जो कई टुकड़ों में बंटी हुई है. इस जमीन की खरीद में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बाद तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार के कार्यकाल में भी डेढ़ करोड़ रुपए और खर्च किए गए. इसी जमीन खरीदगी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे है और इसकी जांच निगरानी विभाग से कराने की अनुशंसा करने की बात आगामी बोर्ड की मीटिंग में की जायेगी.
क्या कहा नप अध्यक्ष
नप अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने बताया कि तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी इरफान आलम के कार्यकाल में 2018 में महेश बथना मौजा में डंपिंग यार्ड के लिए जमीन खरीदी थी खरीदी गई जमीन 12 एकड़ 59 डिसमिल है, जो कई टुकड़ों में बंटी हुई है. इस जमीन की खरीद में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बाद पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने भी डेढ़ करोड़ रुपए और खर्च किए. श्री पासवान के अनुसार यह जमीन डंपिंग यार्ड के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह जमीन निजी स्वार्थ के लिए खरीदी गई. इस मामले में नगर परिषद की विशेष बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी. सभी पार्षदों की सहमति से निगरानी विभाग और प्रशासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की जाएगी. इस मौके पर वार्ड पार्षद देवन यादव, पार्षद मनीष जालान, पार्षद अशोक पासवान, पार्षद दीपक सरकार, पार्षद प्रतिनिधि अरविंद मंडल, पार्षद प्रतिनिधि संजय पासवान, पार्षद प्रतिनिधी सफी अहमद, पार्षद अमित त्रिपाठी, पार्षद बउआ झा सहित अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है