सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज एवं किशनगंज पीएचसी में हेल्दी बेबी शो का आयोजन
-सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान
किशनगंज
स्तनपान बच्चे के साथ-साथ मां के लिए भी वरदान के समान है. जन्म के तुरंत बाद स्तनपान शुरू करना शिशु को जीवन के लिए जरूरी पोषण और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है. इससे शिशु का शारीरिक एवं मानसिक विकास बेहतर ढंग से होता है. वहीं स्तनपान कराने वाली माताओं को भी स्तन एवं ओवरी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव मिलता है. इसी कारण हर वर्ष एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है, जिसके तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्तनपान के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.हेल्दी बेबी शो के माध्यम से शिशु स्वास्थ्य पर जोर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज एवं किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया गया. ठाकुरगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अख्लाकुर ने कहा किप्रथम स्थान पर अनम प्रवीण, द्वितीय स्थान पर देवाशीष और तृतीय स्थान पर विक्की हसदा को चुना गया. वहीं किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित प्रतियोगिता में कुमकुम कुमारी ने प्रथम, बबीता दास ने द्वितीय और सिब्बी कुमारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. सभी विजेताओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया, जबकि अन्य बच्चों को भी सांत्वना पुरस्कार के रूप में खिलौने और पोषण किट प्रदान की गई.
शारीरिक जांच और टीकाकरण पर विशेष ध्यान
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस ग्रामीण की ओर से आयोजित इस शो में बच्चों की लंबाई, वजन और तंदुरुस्ती की जांच की गई. महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशिया नूरी ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान महिलाओं को शिशुओं की देखभाल, कुपोषण से बचाव और समय पर टीकाकरण के महत्व की जानकारी दी जा रही है.
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि जन्म के पहले घंटे में स्तनपान शुरू करने से शिशु मृत्यु दर 20% तक कम हो जाती है. वहीं, पहले छह महीने तक केवल स्तनपान कराने से डायरिया और निमोनिया जैसी घातक बीमारियों से मृत्यु की संभावना 11 से 15 गुना तक घटती है.जागरूकता ही बचाव की कुंजी : जिला पदाधिकारी
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर नवजात को जन्म के पहले घंटे में ही स्तनपान कराया जाए और छह माह तक केवल मां का दूध ही दिया जाए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

