तस्करी. रात के कुहासे में वाहन चालकों को नहीं दिखते मवेशी
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अक्सर होती है सड़क दुर्घटनाएं
तस्करी. रात के कुहासे में वाहन चालकों को नहीं दिखते मवेशी जिले के लोहागाड़ा हटिया से बड़ी संख्या में मवेशियों को बंगाल के इलाके में भेजा जाता है, जिस पर नहीं लग पा रहा है अंकुश. ठाकुरगंज : मवेशी तस्करों द्वारा मवेशियों को एक जगह से दूसरी जगह पैदल रात्रि में चोरी छिपे ले जाने […]
जिले के लोहागाड़ा हटिया से बड़ी संख्या में मवेशियों को बंगाल के इलाके में भेजा जाता है, जिस पर नहीं लग पा रहा है अंकुश.
ठाकुरगंज : मवेशी तस्करों द्वारा मवेशियों को एक जगह से दूसरी जगह पैदल रात्रि में चोरी छिपे ले जाने से सड़क पर चलने वाले वाहनों के लिए खतरा बन गया है. कभी भी बेतरतीब तरीके से चल रहे इन पशुओं से बचने के क्रम में वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं.
एनएच 327 ई के जरिए मवेशियों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के दौरान ये मवेशी रात के अंधेरे व कुहासे के कारण वाहन चालक को नहीं दिखते. जिस कारण आये दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है. सनद रहे की जिले के लोहागाड़ा हटिया से बड़ी संख्या में मवेशी बंगाल के इलाके में भेजी जाती है. इस मवेशियों में ज्यादातर भैंस होती है. रात के दौरान एक तरफ स्याह अंधेरा और दूसरी तरफ काली रंग की भैंस ऐसे में वाहन चालक अक्सर धोखा खा जाते है. सरपट सड़कें जिसपर
काफी तेज गति से चलने के दौरान नजदीक आते ही अचानक इन भैसों का झुण्ड नजर आता है तो जब तक चालक संभले तब तक दुर्घटना हो जाती है. ये हाल मुख्यतः मंगलवार और शुक्रवार को होती है. इन दोनों दिन लोहागाड़ा हाट से ठाकुरगंज के लगभग 25 किमी के दायरे में लगभग 100 मवेशियों का झुण्ड घुप्प अंधेरी रात में गुजरता दिख जायेगा. रात के अंधेरे में अचानक भैंसों का झुण्ड दिख जाए तो तेज गति से चल रहे वाहन चालक की क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है. वहीं आये दिन मवेशियों की धरपकड़ के बाबजूद खुले आम मवेशियों की आवाजाही कई सवाल खड़े करती है. रविवार को जागरण मंच के सदस्यों ने तस्करी के मवेशी देर रात को हाक कर ले जाने क्रम में 53 मवेशियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
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