किशनगंज : पशु तस्कर के लिए किशनगंज जिला कॉरिडोर माना जाता है़ पूरे भारत से तस्करी कर लाये गये पशु किशनगंज के रास्ते ही बांग्लादेश भेजा जाता है़ जिले में सक्रिय पशु तस्कर कंटेनर ट्रकों में भर कर आये दिन पशुओं को बांग्लादेश की सीमा तक पहुंचाने का काम करते है़ं विगत सालों में मुस्तफा पशु तस्करी में था़ तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रंजीत मिश्रा, मनोज कुमार एवं दीपक वर्णवाल ने पशु तस्करों के विरूद्ध सख्त रवैया अपनाते हुए पशु तस्करी रोकने के लिए चलाये गये अभियान के कारण पशु तस्करी की कमर टूट गयी थी. परंतु हाल के दिनों में अनवर नाम का पशु तस्कर सक्रिय हो गया है़
ध्यातव्य है कि चार अक्तूबर की रात एसडीपीओ कामिनी बाला द्वारा पकड़े गये 10 ट्रकों में लदे 453 मवेशियों सहित 13 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़ाये तस्करों ने कई सनसनी खेज खुलासा किया. मवेशियों से भरे ट्रकों व कंटेनरों को किशनगंज जिले की सीमा को पार कराने की जिम्मदारे उन्हीं की है. पशुओं से लदे वाहनों का स्काॅट कर सीमा पार कराया जाता है. इस धंधे से जुड़े सरगना ट्रकों के आगे -पीछे लक्जरी गाड़ियों में बैठ कर ट्रकों का स्काउट करता है, लेकिन अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है. पशु तस्करी हो या इंट्री का मामला किसी जनप्रतिनिधि या आम आदमी जब तक सड़क पर न उतरे तब तक उसके विरुद्ध पुलिसिया या प्राशासिनक कार्रवाई नहीं होती है़. प्रत्येक दिन पशु लदे दर्जनों ट्रक तस्करी कर किशनगंज के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता है़ परंतु पशु तस्करी क विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है.