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लोक अदालत में 2538 वादों का हुआ निबटारा

शनिवार को मेगा लोक अदालत का जिला व सत्र न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया. किशनगंज : क अदालत लोक आस्था का विषय बन गया है. आर्थिक, सामाजिक व आपराधिक विवादों के सुलह का सबसे सरल व सुगम साधन लोक अदालत अब व्यापक पैमाने पर फैल कर समाज को सांस्कृतिक चेतना का संदेश दे […]

शनिवार को मेगा लोक अदालत का जिला व सत्र न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया.

किशनगंज : क अदालत लोक आस्था का विषय बन गया है. आर्थिक, सामाजिक व आपराधिक विवादों के सुलह का सबसे सरल व सुगम साधन लोक अदालत अब व्यापक पैमाने पर फैल कर समाज को सांस्कृतिक चेतना का संदेश दे रही है. राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत का दीप प्रज्वलित करने के उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश सिंह ने उपस्थित भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत के उद्देश्य व महत्ता को समझें.
उन्होंने कहा कि नि:शुल्क व सहज न्याय दिलाने का बेहतर जरिया बन चुकी लोक अदालत की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके द्वारा दिये गये निर्णय को कहीं और चुनौती नहीं दी जा सकती है. इस मौके पर मौजूद जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने कहा कि आपसी समझौता, सामाजिक स्तर पर किये गये निर्णय सबसे बेहतर है.
उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा रही है कि लोग पंच के माध्यम से बहुत सारी समस्याओं का समाधान किया करते थे. जिसकी इन दिनों कमी महसूस की जा रही है. उन्होंने उपस्थित प्रशासनिक महकमा को नसीहत देते हुए कहा कि लोग अदालत में खानापूर्ति नहीं करें बल्कि मामले की समाधान के लिए पहुंचे लोगों की वास्तविकता को बारीकी से समझें और उन्हें न्याय दें और दिखावे.
इस अवसर पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने कहा कि समझौता किसी भी विवाद का सबसे सटीक समाधान है. उन्होंने कहा कि समाज में मध्यस्थता करने वाले समाज के बीच विश्वास पैदा करें तो भारत की प्राचीनतम परंपरा समाज में फिर से कायम हो जायेगी. उन्होंने कहा कि एली वारयेनिंग का अध्ययन करें और उनके सिद्घांतों के आधार पर भी न्यायसंगत फैसला दें. उन्होंने कहा कि विकास का सबसे बड़ा बाधक विवाद है. कार्यक्रम को एडीजे प्रथम पारसनाथ राय, एडीजे द्वितीय सत्येंद्र पांडेय,
कुटुंब न्यायालय का न्यायाधीश केशन मूर्ति तिवारी, बार काउंसिल का अध्यक्ष नुरूल हसन, सचिव ओम कुमार ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर सीजेएम पन्ना लाल, एसीजेएम प्रवल दत्ता, एसीजेएम पीके झा सहित कई न्यायिक दंडाधिकारी मौजूद थे. प्रशासन की ओर से एसडीओ मो शफीक, वरीय उपसमाहर्ता मनीष कुमार, जेल अधीक्षक प्रभात कुमार, नप कार्यपालक पदाधिकारी विनोद कुमार सहित बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे. कार्यक्रम में सफल बनाने हेतु लोक अदालत कर्मी राजीव दीक्षित, तौसीफ आलम ने कड़ी मेहनत की. मंच संचालन अधिवक्ता अजीत कुमार दास ने किया.
कुल मामला 2538निष्पादन
क्रिमिलन 46
परिवार मामले 4
श्रम विभाग 1
बैंक 572
न्यूटेशन 1844
विद्युत विभाग 3
वन विभाग 3
बीएसएनएल -63
अन्य 2
सेटलमेंट 1 करोड़ 76 लाख 69 हजार 465 रुपये

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