किशनगंज : अतिक्रमण के नाम पर एक ओर जहां जिला प्रशासन गरीब गुरबों के आशियाने झुग्गी झोपड़ी को उजाड़ कर उसे खुले आसमान के नीचे रहने को विवश कर देता है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की नाक के नीचे शिक्षा विभाग डीपीओ स्थापना के कार्यालय के बगल में अवस्थित सरकारी भूमि वर्षो से अतिक्रमित […]
किशनगंज : अतिक्रमण के नाम पर एक ओर जहां जिला प्रशासन गरीब गुरबों के आशियाने झुग्गी झोपड़ी को उजाड़ कर उसे खुले आसमान के नीचे रहने को विवश कर देता है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की नाक के नीचे शिक्षा विभाग डीपीओ स्थापना के कार्यालय के बगल में अवस्थित सरकारी भूमि वर्षो से अतिक्रमित है. जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. डीपीओ स्थापना कार्यालय सहित बेशकीमती अतिक्रमित भूमि नगर परिषद की जमीन है. अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण की जमीन पर पक्का मकान खड़ा कर लिया गया है. इस अतिक्रमण को हटाने की दिशा में अब तक जिला प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं किया गया है.
अतिक्रमित भूमि की नापी कर खाली कराया जायेगा
’’उक्त अतिक्रमित भूमि उनके संज्ञान में आयी है. डीपीओ कार्यालय के अलावे वहां स्थित नगर परिषद की अतिक्रमित भूमि को नापी करा कर खली कराया जायेगा. जमीन चाहे शिक्षा विभाग की हो या फिर नगर परिषद की. दोनों स्थिति में जमीन को अतिक्रमित कोई नहीं कर सकता. एनएच 31 के किनारे और प्रधान डाक घर और दूर संचार विभाग के निकट स्थित होने के कारण प्रशासन के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
विनोद कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद