* बेटियों की घट रही संख्या पर चिंता जाहिर की
* एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
किशनगंज : स्थानीय सुभाषपल्ली स्थित सामुदायिक भवन में मंगलवार को भूमिका बिहार के सौजन्य से बेटी बचाओ आंदोलन के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान पूरे भारत वर्ष में महिलाओं व बेटियों की लगातार घट रही संख्या पर चिंता जाहिर की गयी.
इस दौरान कार्यक्रम प्रभारी मुदस्सीर हुसैन ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या जहां 940 है. वहीं बिहार में यह संख्या घट कर 916 है. जबकि 0 से छह वर्ष तक के आयु वर्ग का लिंगानुपात जहां भारत में 914 है. जबकि बिहार में 933. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते है कि हमारा समाज बेटियों के प्रति संवेदनशील नहीं है.
जब तक कोख में कन्या मरती रहेगी, नारी संख्या घटती रहेगी. हमारे बेहतर समाज के लिए यह आवश्यक है कि बेटे बेटियों का फर्क मिटा कर दोनों को समान रूप से फलने फूलने का अवसर दिया जाये. वहीं भूमिका बिहार के भगवान पाठक ने कहा कि बेटी बचाओ आंदोलन का यह प्रयास है कि समाज में बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच में बदलाव आये. बेटियों की भ्रूण हत्या पर रोक लगे तथा उनका विभिन्न स्तरों पर शोषण व उत्पीड़न रोका जाये. भूमिका बिहार के दिनेश कुमार ने कहा कि कम उम्र में बिटिया की शादी उसके जीवन की है बरबादी.
उन्होंने कहा कि बाल विवाह के अभिशाप से मुक्ति के लिए कानून को सही तरीके से लागू कराने के साथ–साथ लोक पहल की भी आवश्यकता है. लोक पहल के जरिये ही बच्चियों व उनके माता पिता को इस कुरीति के कुप्रभावों के प्रति जागरूक व सचेत बना कर इस अभिशाप से मुक्ति दिलाया जाये.
उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी मिलते ही नजदीकी थाने या प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट या मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट से करनी चाहिए. इस मौके पर पंकज झा, इम्तियाज अतहर, समस राही, मो सल्वी आलम ने भी अपने अपने विचारों के द्वारा उपस्थित लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया.