* राज्य सरकार के खिलाफ राजद कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
किशनगंज : जिले में आयी प्रलंयकारी बाढ़ के कारण दर्जनों गांव जलमग्न हो गये. परंतु जिला प्रशासन उदासीन बना रहा. बाढ़ प्रभावित लोगों को समय पर जिला प्रशासन ने राहत मुहैया नही करायी.
ये बातें राजद विधायक अख्तरूल ईमान ने कही. जिले में बाढ़ राहत पहुंचाने में विफल जिला प्रशासन एवं छपरा में मिड डे मिल खाने से हुई बच्चों की मौत को लेकर राज्य सरकार के विरुद्ध जिला राजद ने मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया. समाहरणालय के मुख्य द्वार के समक्ष धरना पर बैठे राजद नेता व कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के विरुद्ध जम कर अपनी भड़ास निकाली.
अख्तरूल ईमान ने कहा कि सभी प्रखंडों में 500 से अधिक बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस आया था. सैकड़ों परिवार स्कूलों व सरकारी भवनों में शरण लेने को विवश थे. परंतु प्रशासन कुंभकर्णी निंदा में सोया हुआ था. उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ फसल बरबाद हो गयी एवं 7 लोगों की मौत हो गयी. उन्होंने कहा कि प्रशासन झूठा ढकोसला करता रहा.
परंतु आपदा के समय न तो समय पर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए नाव की ही व्यवस्था की गयी और ना ही राहत सामग्री का वितरण किया गया. उल्टे बाढ़ प्रभावित लोगों के विरुद्ध झूठे मुकदमे किये गये.
राजद नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल जिला पदाधिकारी से मुलाकात कर राज्यपाल के नाम 14 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. जिसमें प्रमुख मांगों में बाढ़ प्रभावित परिवारों को उचित सहायता प्रदान करने, बाढ़ राहत वितरण में कोताही बरतने वाले दोषी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई करने, प्रत्येक वर्ष बाढ़ प्रभावित होने वाले गांव शिमलबाड़ी गांव के लिए स्थायी निदान हेतु महानंदा के किनारे हाई लेवल वोल्ड पीचिंग बांध का निर्माण करने, कोचाधामन प्रखंड में कनकई नदी के ओवर फ्लो को रोकने के लिए डोरिया से चैनपुरा असुरा तक बोल्डर पीचिंग बांध का निर्माण कराने के अलावे छपरा मिड डे मिल के दोषी पदाधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दायर करने एवं शिक्षा मंत्री मंत्री पीके शाही छपरा घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा देने की मांग शामिल है.
धरना प्रदर्शन में राजद उपाध्यक्ष देवेन यादव, पूर्व जिप अध्यक्ष तसीरुद्दीन, उस्मान गनी, हाजी सुबहान, मो मुश्ताक आलम, आमना मंजर, गुड्डू सरफराजी, मुजाहिद आलम, सब्बीर आलम, नुरूल हक, खालिद इस्माइल सहित कई मुखिया एवं सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे.