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इंटरसिटी को रद्द कर बस माफिया को फायदा पहुंचाने का रेल यात्री समिति ने लगाया आरोप

ठाकुरगंज : एक सोची समझी साजिश के तहत बार-बार 15464/15463 सिलीगुड़ी-बालुरघाट इंटरसिटी एक्सप्रेस और 75720/75719 को रद्द कर बस माफिया को फायदा पहुंचाने का आरोप ठाकुरगंज रेल यात्री समिति ने कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीओएम को कठघरे में खड़ा किया है. इस मामले में प्रधानमंत्री, रेल मंत्री के साथ एन एफ रेलवे के जनरल […]

ठाकुरगंज : एक सोची समझी साजिश के तहत बार-बार 15464/15463 सिलीगुड़ी-बालुरघाट इंटरसिटी एक्सप्रेस और 75720/75719 को रद्द कर बस माफिया को फायदा पहुंचाने का आरोप ठाकुरगंज रेल यात्री समिति ने कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीओएम को कठघरे में खड़ा किया है.

इस मामले में प्रधानमंत्री, रेल मंत्री के साथ एन एफ रेलवे के जनरल मैनेजर और कटिहार डीआरएम को पत्र लिख कर ठाकुरगंज रेलयात्री समिति ने हाल ही में कटिहार में नियुक्त किये गए और पूर्व में सिलीगुड़ी और एनजीपी में कार्यरत सीनियर डीओएम के द्वारा दिए गए सभी आदेशों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए इन्हें एनएफ रेलवे के कार्य क्षेत्र से हटाने की मांग की है. रेल यात्री समिति का गुस्सा गुरुवार को उस वक्त भड़का जब पुनः एक बार पांच दिनों के लिए 15464/15463 सिलीगुड़ी-बालुरघाट इंटर सिटी एक्सप्रेस और 75720/75719 को रद्द करने की घोषणा रेलवे ने की.
इस पूरे मामले में बंगाल के बस सिंडिकेट के साजिश का आरोप लगते हुए समिति ने अपने पत्र में यह सवाल किया कि इन दोनों ट्रेनों के परिचालन से यदि रूट डिस्टर्ब होता है और रेलवे के कार्यों को बाधा पहुंचती है तो इन ट्रेनों के ही परिचालन के समय परिचालित होने वाली अन्य ट्रेनें यथा कंचनजंघा एक्सप्रेस, कटिहार सिलीगुड़ी इंटर सिटी एक्सप्रेस, राधिकापुर डैमू का परिचालन कैसे संभव है.
समिति के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया की ठाकुरगंज सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रेल खंड पर अवस्थित एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है जो छोटी लाइन से बड़ी लाइन में तब्दील होने के बाद से उपेक्षा का शिकार रहा है. वर्तमान में इस रेल खंड होकर केवल लोकल ट्रेनें संचालित की जाती हैं, जिससे रेलवे को प्रतिमाह लाखों का राजस्व मिलता है.
लेकिन कटिहार रेल मंडल के कुछ अधिकारियों के मनमानी के कारण आये दिन विभिन्न कारणों के नाम पर इस रूट की ट्रेनें रद्द कर दी जाती है. समिति के सदस्यों ने कहा की आश्चर्य की बात तो यह है कि न्यूजलपाईगुडी-अलूआबाड़ी रोड रेल खंड में हो रहे विद्युतीकरण का दुष्परिणाम सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रोड रेल खंड को उठाना पड़ रहा है और आये दिन न्यूजलपाईगुडी-अलूआबाड़ी रोड रेल खंड पर विद्युतीकरण के नाम पर सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रोड रेल खंड की ट्रेनों को बंद कर दिया जाता है.
इस पूरे मामले में समिति के लोगों ने कटिहार रेलमंडल के सीनियर डीओएम पार्थ शील की भूमिका पर सवाल खड़े किये और कहा, पहले सिलीगुड़ी में एरिया मैनेजर के रूप में पोस्टिंग पुनः एनजीपी में स्टेशन मैनेजर के रूप में कार्य करने के दौरान सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रोड रेल खंड के प्रति उनकी उपेक्षात्मक नीति अभी तक जारी है.
लोगों ने सीनियर डीओएम पर बंगाल के बस सिंडिकेट के हितों में काम करने का आरोप लगाया और कहा कि सिलीगुड़ी से बालुरघाट का ट्रेन भाड़ा 110 तो वहीं सिलीगुड़ी से बालुरघाट का बस भाड़ा 220 रुपये है और जबसे यह ट्रेन शुरू हुई है इस रूट की बसें काफी प्रभावित हुई, जिस कारण एक साजिश के तहत इस ट्रेन को निशाने पर लिया जाता है और बार-बार सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रेल खंड की महत्वपूर्ण ट्रेन सिलीगुड़ी-बालुरघाट इंटर सिटी एक्सप्रेस 15464 / 15463 को रद्द कर दिया जाता है.
इंटरसिटी रद्द होने से यात्रियों को तो तकलीफ होती है, लेकिन बस मालिकों की बल्ले-बल्ले रहती है. वहीं समिति के अध्यक्ष ने कहा कि जब सिलीगुड़ी से बारसोई तक सिलीगुड़ी-बालुरघाट इंटरसिटी और सिलीगुड़ी-कटिहार इंटरसिटी एक ही रूट से परिचालित होती है तो आज तक क्यों नहीं कभी भी रेलवे के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी-कटिहार इंटरसिटी को रद्द किया हमेशा निशाने पर बालुरघाट इंटरसिटी ही क्यों.
समिति ने आरोप लगाते हुए कहा कि कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीओएम अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बालुरघाट इंटर सिटी एक्सप्रेस को रद्द करवा कर बस मालिकों को फायदा पहुंचा रहे है़ं इसलिए इस मामले में कटिहार के सीनियर डीओएम पार्थ शील के कार्यकाल की सभी आदेशों की उच्च स्तरीय जांच करते हुए उक्त अधिकारी को एनएफ रेलवे के कार्य क्षेत्र से हटाने की मांग की गयी है़

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