किशनगंज : होली में मांस और मदिरा का सेवन प्रचलन में रहा है.होली के त्योहार में अब एक सप्ताह से भी कम का समय शेष है ऐसे में शराब का स्टॉक बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. होली को लेकर शराब की कीमतों में भी तेजी आ जाती है.तस्करी कर लायी गयी शराब को माफियाओं के द्वारा दोगुनी कीमतों में बेचा जाता हैं. जिले में शराब को लेकर जब-जब पुलिस सख्त होती है तो यह रेट और भी ज्यादा हो जाता है. मगर रिस्क लेकर माफिया शहर में आसानी से शराब की सप्लाई कर देते है. शराब माफियाओं को पकड़ने में जिले के विभिन्न थाना की पुलिस जाल तो बिछाती है मगर छापेमारी के पहले ही ज्यादातर जगहों पर सूचना लीक हो जाती है. इस कारण पुलिस के पहुंचने से पहले ही माफिया शराब को ठिकाने लगा देते हैं.
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होली को लेकर शराब तस्करी का धंधा तेज
किशनगंज : होली में मांस और मदिरा का सेवन प्रचलन में रहा है.होली के त्योहार में अब एक सप्ताह से भी कम का समय शेष है ऐसे में शराब का स्टॉक बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. होली को लेकर शराब की कीमतों में भी तेजी आ जाती है.तस्करी कर लायी गयी शराब को […]
होम डिलीवरी की सुविधा. शराब माफियाओं के द्वारा पूर्व से ही शराब बिक्री के लिए होम डिलीवरी की सुविधा ग्राहकों को दी जाती है.ताकि इससे उन लोगों की भी गर्दन ना फंसे. ऐसे में नए उम्र के युवा इस धंधे में तेजी से कूद रहे हैं. शराब माफिया युवाओं को इस धंधे में तेजी से धकेल रहे हैं. इसके लिए माफिया उनको रुपये और शराब भी उपलब्ध कराते हैं.
शराब तस्करी में हो रही है मोटी कमाई. मोटी कमाई को देखते हुए इस गोरख धंधे में नए लोग भी उतर आये हैं कारण युवाओं की नजर में यह धंधा रुपये कमाने का आसान साधन है.उन्हें भी इस बात की जानकारी होती है कि यदि वे पकड़े गए तो जेल जाएंगे, यदि बच गए तो एक खेप की मोटी रकम उन्हें मिलेगी.
शहर में एक कॉल पर उपलब्ध होती है शराब. सूत्रों की माने तो शहर के कई मोहल्लों में शराब की बिक्री अभी भी परवान पर है. मगर पुलिस की पहुंच वहां तक नहीं है. वे लोग काफी चालाकी से शराब की डिलीवरी लोगों को कर रहे.
होली को मदिरा से रंगीन बनाने की कोशिश. शराबबंदी लागू होने के बाद होली को शराब से रंगीन बनाने की तैयारी में शराब तस्कर जुटे हैं. बिन शराब होली कैसे मनाई जाए इसकी चिंता आम लोगों से ज्यादा शराब तस्करों को है. होली में पूर्व समय से ही नशा सेवन का प्रचलन रहा है इसको लेकर शराब तस्कर होली के पूर्व से ही शराब तस्करी कर स्टॉक जमा करने की तैयारी में है.होली को लेकर जिले के ग्रामीण इलाकों में भी शराब की बड़ी खेप जमा की जा रही है
प्रदेश का सेहत और राजस्व दोनो बिगाड़ रहा है तस्करी के शराब. बंगाल, नेपाल से शराब की खेप मंगाई जा रही है इससे इनकार नहीं जा सकता है.क्योंकि पुलिस व उत्पाद विभाग द्वारा जब्त की गयी शराब के इन सभी जगहों में निर्मित होने की बात सामने आती रही है.तस्कर विभिन्न तकनीक और तरकीब के सहारे शराब तस्करी को अंजाम देते है. कभी ई रिक्शा तो कभी चार चक्का गाड़ी में गुप्त खांचा बनाकर उसमें शराब रख इसकी आपूर्ति की जाती है. होली को लेकर शराब तस्कर ऊंची कीमत पर शराब बेचकर अधिक मुनाफा कमाने के बेताब रहते है. जिले में लगातार विभिन्न थाना क्षेत्र, सीमावर्ती इलाके पर शराब बरामद हो रही है तथा जिले के प्रवेश द्वारों पर आये दिन शराबियों की गिरफ्तारी हो रही है जो इस तथ्य को दर्शाता है कि जिले में शराब की आमद इन दिनों बढ़ रही है.
अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा का फायदा उठाते हैं शराब माफिया
जिले का एक बड़ा भूभाग बंगाल और नेपाल से सटा है यहां से सड़क, पगडंडी, नदी मार्ग को अपनाकर शराब की तस्करी की जा रही है.यहां तक कि ट्रांसपोर्ट व ट्रेन के जरिए शराब तस्करी किया जा रहा है.शराबबंदी अब अपने दूसरे सालगिरह मनाने के करीब है. लेकिन शराब तस्करी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
तस्करी पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
होली में शराब तस्करी को लेकर पुलिस प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई है. इसके धर-पकड़ के लिए विशेष दिशा-निर्देश निर्गत कर चुका है.पुलिस लगातार कार्रवाई कर शराब बरामद कर रही है. इसके बावजूद शराब तस्करी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है.लगातार शराब की खेप पुलिस व उत्पाद विभाग के पकड़ में आते रहा है.शराब पुलिस के लिए सरदर्द बनते जा रही है. लगातार कार्रवाई के बाद भी शराब का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है.पुलिस प्रशासन के आंखों में धूल झोंककर तस्कर नए तकनीक और तरकीब का इजाद कर शराब तस्करी कर जिले के अंदर शराब पहुंचा रहा है.शराब तस्कर के लिए होली विशेष त्योहार के रूप मे कमाई का पर्व बनता जा रहा है.
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