दिघलबैंक : ठंड ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. बढ़ती व कंपकंपाती ठंड के कारण आमजन ठिठुरने को विवश हैं. इससे आम आदमी ही नहीं जीव-जंतु भी बेहाल है. इसमें जानवर के साथ-साथ पक्षी भी शामिल हैं. अगर तापमान में गिरावट इसी प्रकार जारी रहा तो जीव-जंतु और पशु-पक्षियों के लिए और आफत बढ़ेगी. हाड़ कंपकंपाती ठंड के कारण गरीब परिवारों का जीना मुहाल कर दिया है.
तालगाछ स्थित आदिवासी टोला में हर गरीब परिवार पुआल और अलाव के सहारे जीवन व्यतीत कर रहा है. ठंड से बचने के लिए बच्चे बड़े सभी घास के पुआल के ढेर में रात बिताते हैं. यहां एक गरीब परिवार जगधर किस्कू धान मालिश करने के उपरांत खाना खा रहा है. उनका बेटा बगल में खड़ा है. कई परिवार पुआल को ही रजाई और बिछौना बनाकर जीवन यापन कर रहा है. यह स्थिति अन्य परिवारों का भी है.