-73.27 करोड़ रुपये की लागत से 30 माह के अंदर मथुरापुर आरओबी का निर्माण होगा पूरा -मथुरापुर गांधी चौक से 763 मीटर लंबा एवं रेलवे ढाला से इस्लामपुर ढाला के समीप 587 मीटर लंबा बनेगा आरओबी खगड़िया. स्थानीय जंक्शन के पश्चिमी केविन मथुरापुर ढाला पर आरओबी निर्माण की तैयारी अंतिम चरण में है. अगर, सबकुछ ठीक रहा तो चार दिनों के अंदर आरओबी निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. आरओबी निर्माण में अभी कई प्रकार की बाधाएं है. जैसे अतिक्रमित जगहों को खाली नहीं करना, आरओबी निर्माण के जद में आ रहे पेड़ व बिजली खंभा को नहीं हटाया गया है. आरओबी निर्माण से पहले निर्माण कंपनी को सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा. ताकि आरओबी निर्माण में किसी तरह का समस्या उत्पन्न नहीं हो. इधर, विभाग द्वारा अतिक्रमित जगहों पर लाल निशान लगाया गया है. इसके बावजूद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया. बताया जाता है कि अतिक्रमित सरकारी जमीन को मुक्त कराने के लिए कब्जे धारी लोगों को नोटिस किया जाएगा. फिलहाल मौखिक सूचना दिया गया है. खगड़िया-बखरी पथ की मुख्य सड़क के सेंटर से दोनों ओर 40-40 फिट अतिक्रमित जमीन को खाली कराया जाएगा. कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि अतिक्रमित जमीन को खाली करने के लिए मौखिक सूचना दी गयी है. नोटिस तैयार किया जा रहा है. यदि चार दिनों के अंदर अतिक्रमित भाग को नहीं हटाया गया तो जेसीबी से मकान व दुकान को तोड़ दिया जाएगा. इसके लिए कुतुबपुर और मथुरापुर मौजा में करीब छह एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है. पुल का एक हिस्सा रेलवे की जमीन पर बनेगा. इसके लिए रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है. मथुरापुर ढाला पर आरओबी निर्माण से लोगों को महाजाम से मिलेगी मुक्ति स्थानीय जंक्शन पर लगातार ट्रेनों का दबाव बढ़ रहा है. जिसके कारण हर आधे घंटे पर मथुरापुर रेल फाटक को बंद करना पड़ता है. रविवार को रेलवे फाटक बंद रहने के कारण मथुरापुर गांधी चौक से कुतुबपुर तथा शहर के दक्षिणी भाग के बायपास बांध तक वाहन जाम में फंसा रहा. जाम लगभग आधे घंटे तक रहा. यह समस्या प्रतिदिन रेल फाटक बंद रहने के कारण लोगों को घंटों चिलचिलाती धूप व वर्षा में खड़ा रहना पड़ता है. जिसके कारण लोग काफी परेशानी होती है. मथुरापुर रेल फाटक खगड़िया-बेगूसराय रेलखंड पर है, जहां पहले ट्रेनों का परिचालन की संख्या कम थी. लेकिन अब खगड़िया-समस्तीपुर, खगड़िया-मुंगेर रेलखंड तथा खगड़िया-कुशेश्वरस्थान स्थान रेलखंड पर खगड़िया से अलौलीगढ़ के बीच ट्रेनों का परिचालन किया गया तो ट्रेनों का दबाव बढ़ा. शहर उत्तरी भाग में एक बड़ी आबादी मथुरापुर, कोठिया, कुतुबपुर, काशिमपुर, लाभगांव, अलौली प्रखंड, सदर प्रखंड के लोगों को मुख्य रास्ता है. आरओबी निर्वाण से लोगों को बाजार, स्टेशन आना जाना आसान हो जाएगा. खगड़िया-कुशेश्वरस्थान के बीच बढ़ेगा यातायात और व्यापार रेलओवर ब्रिज निर्माण से खगड़िया-कुशेश्वर स्थान के बीच मक्का, गेहूं आदि का व्यापार बढ़ जाएगा. इसके अलावे शहर के बखरी बस स्टैंड से दरभंगा, अलौली, शहरबन्नी, तिलकेश्वर के रास्ते बस सेवा का परिचालन होगा. लोगों को बस से दरभंगा जाना आसान हो जाएगा. हालांकि इस रास्ते पर अभी तक बड़े वाहनों के परिचालन का परमिट नहीं मिला है. लेकिन, एक महीने के अंदर इस पथ पर बस का परिचालन शुरू होने की संभावना है. इसके साथ खगड़िया और दरभंगा के व्यापारियों के बीच व्यापार बढ़ेगा. 95 करोड़ की लागत से 2021 में हुआ था टेंडर, अब 73.27 करोड़ की लागत हो होगा निर्माण मथुरापुर रेलवे ढाला पर आरओबी निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही थी. रेल उपभोक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले समाजसेवी सुभाषचंद्र जोशी, बालकृष्ण पासवान और तत्कालीन सांसद चौधरी महबूब अली केशर ने लगातार मांग उठाया. जिसके बाद पहली बार आरओबी के निर्माण के लिए 2021 में करीब 95 करोड़ की लागत से टेंडर पास किया गया था. जिसकी स्वीकृति भी मिल गयी थी. लेकिन, तकनीकी कारणों से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इसका री-टेंडर वर्ष 2024 के अंतिम माह में किया गया. जो अब घटकर लगभग 73.27 करोड़ रुपये से आरओबी निर्माण किया जायेगा. साथ ही सर्विस रोड भी बनाया जाएगा. स्वीकृति मिलने के बाद लेआउट कर कार्य प्रारंभ करने की तैयारी की गयी है. मथुरापुर गांधी चौक के समीप निर्माण कंपनी द्वारा मेटेरियल गिराया गया है. निर्माण कंपनी के कर्मियों की माने तो चार दिनों के अंदर मथुरापुर रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. आरओबी के साथ ही सर्विस रोड का भी होगा निर्माण आरओबी निर्माण की तैयारी अंतिम चरण में है. मथुरापुर स्थित निर्माण प्लांट पर संवेदक द्वारा चिन्हित जगह पर छड़, गिट्टी, बालु, सरिया आदि सामग्री का भंडारण किया गया है. बताया जाता है कि आरओबी निर्माण से पहले सड़क के दोनों किनारे 40-40 फीट का सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा. जिसके लिए पुल निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमित जगहों पर लाल निशान लगा दिया गया है. लेकिन, अब तक अतिक्रमणारियों द्वारा नहीं हटाया गया है. इसके अलावे सड़क किनारे पेड़ और बिजली खंभा बाधा पहुंचा रहा है. वन विभाग व बिजली विभाग द्वारा चिन्हित जगहों से नहीं हटाया गया है. बताया कि सर्विस रोड के लिए मिट्टी अतिआवश्यक है. खनन विभाग के जटिल प्रक्रिया के कारण मिट्टी उपलब्ध नहीं हो रहा है.
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