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Bihar Flood 2020: हियादपुर गांव में घुसा कोसी का पानी, 46 महादलित परिवार हो गये बेघर

मानसी :प्रखंड अंतर्गत अमनी पंचायत के वार्ड संख्या एक हियादपुर गांव में इन दिनों कोसी नदी का पानी तबाही मचायी हुई है. लगातार कोसी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी ने लोगों का जीना मुहाल हो गया. हियादपुर गांव के 46 महादलित परिवार के घर बाढ़ के पानी में डूब गये. जिसके बाद लोग पलायन करने को विवश हो गये. वहीं पलायन की स्थिति में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी छोटी नाव पर भेड़ बकरियों की तरह लोग ढोने के बावजूद भी लोग सर पर सामान रख पैदल जाने को विवश हो रहे हैं. बेवश ग्रामीण छोटे छोटे बच्चों को गोद में लेकर सिर पर सामान रख सैकड़ों मीटर की दूरी पानी में पैदल पार कर रहे हैं. हालांकि शुक्रवार से कोसी के पानी में कुछ कमी नजर आयी है. लेकिन यह कमी हियादपुर के ग्रामीणों के लिये मायने नहीं रखती. चूंकि उनका आशियाना पहले ही बाढ के पानी में बह चुका है.

मानसी :प्रखंड अंतर्गत अमनी पंचायत के वार्ड संख्या एक हियादपुर गांव में इन दिनों कोसी नदी का पानी तबाही मचायी हुई है. लगातार कोसी के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी ने लोगों का जीना मुहाल हो गया. हियादपुर गांव के 46 महादलित परिवार के घर बाढ़ के पानी में डूब गये. जिसके बाद लोग पलायन करने को विवश हो गये. वहीं पलायन की स्थिति में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी छोटी नाव पर भेड़ बकरियों की तरह लोग ढोने के बावजूद भी लोग सर पर सामान रख पैदल जाने को विवश हो रहे हैं. बेवश ग्रामीण छोटे छोटे बच्चों को गोद में लेकर सिर पर सामान रख सैकड़ों मीटर की दूरी पानी में पैदल पार कर रहे हैं. हालांकि शुक्रवार से कोसी के पानी में कुछ कमी नजर आयी है. लेकिन यह कमी हियादपुर के ग्रामीणों के लिये मायने नहीं रखती. चूंकि उनका आशियाना पहले ही बाढ के पानी में बह चुका है.

कोसी के बीचोंबीच बसा है हियादपुर

मालूम हो कि कोसी नदी के बीच बसा हियादपुर गांव के लोग हर साल बाढ़ की तबाही को झेलते हैं. बाढ़ का दंश झेलना मानों इनके नसीब में लिखा गया है. अमनी पंचायत के पूर्व मुखिया प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि हियादपुर गांव कोसी नदी के बीच बसे रहने के कारण किसानों के खेत में लगें सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गये. हियादपुर गांव में 300 परिवार हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. वहीं दर्जनों पीड़ित परिवारों ने बताया कि इस विपदा की घड़ी में भी प्रशासन द्वारा राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है. एक कोरोना महामारी के बीच तीन महीने से किसी तरह गुजारा हो रहा था. और इस बीच बाढ़ आने से परेशानी और बढ़ गयी है. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि कोरोना के कारण सभी काम बहुत दिनों से ठप था. और अब तो घर भी जलाशय में तब्दील हो गया. अब खाने तक के लाले हो गये हैं.

घर को छोड़ लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे

कोसी के प्रकोप से जलाशय में तब्दील हो चुके घर को छोड़ लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे. वहीं सरकार द्वारा नाव की भी व्यवस्था की गयी है. लेकिन नाव का फायदा सभी पीड़ितों के बीच नहीं पहुंच रहा है. छोटी नाव के सहारे सभी लोगों को ऊंचे स्थानों तक पहुंचाना संभव नहीं प्रतीत होता. जिस कारण लोग पैदल ही निकल पड़े. वहीं दस की संख्या में सवारी करने वाली नाव पर 25 की संख्या में लोग सवार होकर सफर करने को विवश हैं. इस बीच लोगों में कोरोना संक्रमण का भी भय सता रहा है.

बाढ़ से विस्थापित हुए महादलित परिवारों के लिए मांग 

इधर नव जागृति टास्क फोर्स के कार्यकर्ता हरे राम चौधरी, देशराज चौधरी, सुकन सदा, गिनी सदा और भरिया देवी द्वारा पीड़ितों को मदद किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. अमनी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि डब्लू पासवान, पूर्व उप मुखिया हरेराम चौधरी, पूर्व सरपंच राजेन्द्र चौधरी, वार्ड सदस्य कार्तिक सदा, पंच चरित्र सदा सहित ग्रामीणों ने बाढ़ से विस्थापित हुए महादलित परिवारों के बीच राशन सहित आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने की मांग जिला प्रशासन से की.

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