उदासीनता. विभागीय अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान
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लालटेन युग में जी रहे दियारावासी
उदासीनता. विभागीय अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान दियारा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस ओर न तो प्रतिनिधि और न ही िवभागीय अिधकारी ध्यान दे रहे हैं. गोगरी : दियरा क्षेत्र के लोग आज भी मूलभूत सुविधा को तरस रहे है. यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा नसीब नहीं हो रहा है. आज […]
दियारा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इस ओर न तो प्रतिनिधि और न ही िवभागीय अिधकारी ध्यान दे रहे हैं.
गोगरी : दियरा क्षेत्र के लोग आज भी मूलभूत सुविधा को तरस रहे है. यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा नसीब नहीं हो रहा है. आज भी दियारा वासी लालटेन और ढिबरी के उजाले में जीने को विवस हैं. क्यूंकि बिजली का तार, पोल सब कुछ वर्षों पूर्व लग गया, लेकिन बिजली जलने के पहले ही बाढ़ आने से पूरी तरह दियारा तहस नहस हो गया.
चुनाव के वक्त नेता और विधायक के मुंह से आश्वासन देने वालों का तांता लगा रहता है. समस्याओं का समाधान आश्वासन पर ही होते रहा है. खास कर गोगरी-मुंगेर दियरा के खगड़िया जिला क्षेत्र के भुड़ीया दियारा, कटघरा दियारा, आश्रम टोला के अलावा मुंगेर क्षेत्र में आने वाले गांव व पंचायत का तो और भी बुरा हाल है.
यहां की भौगोलिक बनावट सुविधा विहीन लोगों को चैन से जीने नहीं देती है. बरसात के दिनों में तो यह टापू में तब्दील हो जाता है. हालांकि जिले से जुड़े दियारा के लोगों को कम से कम जिले में रहने का सहारा व सहयोग है. इसी दियारा के मुंगेर जिला से जुड़े झौआबहियार व हरिणमार के दर्जनों गावों को गंगा की धारा ने अपने जिले से अलग कर रखा है.
ये गांव अनेक समस्याओं से जूझते नजर आ रहे हैं. वर्ष 2005 में उक्त पंचायतों को गोगरी से जोड़ने के लिए बड़े तामझाम के साथ गोगरी-हरिणमार सड़क का शिलान्यास कर कार्य आरंभ किया गया. वहीं भुड़ीया दियारा से लेकर हरिणमार व झौआ बहियार तक में अब तक बिजली भी नहीं पहुंची है.
कहते हैं मुखिया: इटहरी पंचायत के मुखिया व कटघरा दियारा निवासी रजिया देवी ने कहा कि गंगा नदी की मुख्य धारा के कारण जिला का यह क्षेत्र पिछड़ा है. लोगों को सड़क और बिजली की समस्या है.
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