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आशंका. यह साजिश है या हादसा, चर्चा का विषय बना है

बहाने से बुला कर तो नहीं की गयी राजीव की हत्या? शुक्रवार को सड़क हादसे में इंजीनियर राजीव की मौत की आशंका कई बिंदुओं पर की जा रही है. इंजीनियर राजीव की हत्या कहीं बहाने से बुला कर तो नहीं कर दी गयी . यह चर्चा का विषय बना हुआ है. खगड़िया /चौथम : इंजीनियर […]

बहाने से बुला कर तो नहीं की गयी राजीव की हत्या?

शुक्रवार को सड़क हादसे में इंजीनियर राजीव की मौत की आशंका कई बिंदुओं पर की जा रही है. इंजीनियर राजीव की हत्या कहीं बहाने से बुला कर तो नहीं कर दी गयी . यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
खगड़िया /चौथम : इंजीनियर राजीव की हत्या कहीं बहाने से बुला कर तो नहीं कर दी गयी . यह चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि राजीव को राजद के प्रखंड अध्यक्ष रंजीत रमण के मोबाइल से फोन कर खगड़िया चलने को कहा गया था. जब राजीव फोन से सूचना देने वाले गांव के ही एक जनप्रतिनिधि के घर पहुंच कर खगड़िया चलने को कहा तो वह जनप्रतिनिधि दूसरे गाड़ी से आने की बात कह उन्हें खगड़िया भेज दिया.
क्यों वह जनप्रतिनिधि बीमारी का बहाना बताकर उन्हें खगड़िया चलने को कहा. लोगों के मन में यह बात पच नहीं रहीं है . जब वह जनप्रतिनिधि रंजीत रमण के मोबाइल से खगड़िया चलने के लिए कहा तो उनके गाड़ी पर वह क्यों नहीं गये ? राजीव घर में बिना सूचना के कहीं नहीं जाते थे .ऐसा कौन सा आवश्यक काम उक्त जनप्रतिनिधि द्वारा फोन पर बताया गया कि उन्हें तुरंत जाना पड़ा.
पूर्व में मिली थी राजीव व उनके रिश्तेदार को धमकी:
पूर्व में भी राजीव व उनके रिस्तेदार को कुछ लोगों द्वारा धमकी दी गयी थी. इंजीनियर राजीव के बड़े भाई डॉ कुमार अन्नू द्वारा पुलिस को सूचना भी दी गयी थी. उक्त सूचना के बाद भी पुलिस तत्पर नहीं रहीं .यहीं कारण है की बीते 11 मार्च को भी राजीव के चाचा सदानंद सिंह को भी दवा दुकान पर पहुंच कर लोगों ने धमकी दी थी.
प्रत्याशी को चुनाव लड़ने पर देख लेने की मिली थी धमकी : मालूम को कि गुरुकुल भागलपुर के निदेशक इंजीनियर राजीव (मृतक ) की मां कालावती देवी चौथम प्रखंड के पिपरा पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी है. उनके चुनावी मैदान में आने से विरोधी भी घबड़ा गये थे. यहीं कारण था की कुछ लोगों द्वारा उन्हें चुनाव से अपना नाम वापस लेने की धमकी दी जा रहीं थी .
साजिश के तहत करायी गयी दुर्घटना:
मृतक के परिजन ने बताया की यह दुर्घटना नही. साजिश के तहत राजीव की हत्या को दुर्घटना की तरह अंजाम दिया गया है. परिजनों ने बताया कि पुलिस यदि निष्पक्ष जांच करें तो सच सामने आ जायेगा.
गुरुकुल से पहुंचे सैकड़ों
छात्र: राजीव के मौत की खबर मिलते ही शनिवार को सैकड़ों छात्र व सहकर्मी अंतिम दर्शन करने
उनके घर पिपरा पहुंचे.सभी की आंखे नम थी.
पुलिस सर्तक रहती, तो नहीं घटती घटना
परिजनों की चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल
सदर अस्पताल से राजीव का शव पिपरा गांव स्थित आवास पर पहुंचते ही लोगों की चीख पुकार से पूरा वातावरण गमगीन हो गया. सभी के जुबा पर एक दर्द भरी आवाज निकल रहीं थी धर का चिराग ही नहीं पूरे पंचायत का चिरांग बूझ गया. मृतक राजीव की मां कलावती देवी के चुनाव में उतरते ही पंचायत के लोगों में विकास की आस जगी थी. शाहनशील, स्वभिमानी लोगों से हंस कर प्रेम से मिलना, सभी पर विश्वास करना उनके जीवन शैली की खास विशेषता थी.
बच्चे उनके पार्थिव शरीर को देखते ही फफक फफक कर रो पड़े. उनके शव यात्र में हजारों की तायदाद में लोग शामिल हुए. अगुवानी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. महज आठ साल का बेटा मन्नत ने उन्हे मुखाग्नि दी. मौत क्या होता है उसे क्या पता है. सहमें हुए उस मासूम के मुख से निकला पापा को क्यों जलाया जा रहा है. चिता अग्नि पर उस वक्त आंसू फीके पड़ रहें थे.

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