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2017 में डुमरी पुल पर दौड़ने लगेगी गाड़ी

2017 में डुमरी पुल पर दौड़ने लगेगी गाड़ी -29 अगस्त 2014 को स्टील ब्रिज का 290 मीटर भाग पानी में बह गया था -1 अप्रेल 2015 को डुमरी पुल मरम्मति के लिये कार्य एजेंसी ने इसके क्षतिग्रस्त 290 मीटर भाग को तोड़कर हटा दिया-1 जनवरी 2015 से 29 मई 2015 तक डुमरी पुल समीप बनी […]

2017 में डुमरी पुल पर दौड़ने लगेगी गाड़ी -29 अगस्त 2014 को स्टील ब्रिज का 290 मीटर भाग पानी में बह गया था -1 अप्रेल 2015 को डुमरी पुल मरम्मति के लिये कार्य एजेंसी ने इसके क्षतिग्रस्त 290 मीटर भाग को तोड़कर हटा दिया-1 जनवरी 2015 से 29 मई 2015 तक डुमरी पुल समीप बनी नाव की जुगाड़ पुल से हुआ वैकल्पिक आवागमन फोटो है 20 मेंकैप्सन- मरम्मति कार्य को लेकर एप्रोच पथ बनाने में जुटे मजदूर प्रतिनिधि, बेलदौर एक माह के इंतजार के बाद डुमरी पुल मरम्मति में जुटी एसपी सिंगला कार्य एजेंसी द्वारा एप्रोच पथ बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. ताकि पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से तक अस्थाई एप्रोच पथ बनाकर बेल फाउंडेशन का काम शुरू किया जा सके. इस संदर्भ में एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन ने बताया कार्यस्थल पर पानी सूखने का काफी इंतजार किया गया. लेकिन नदी के जलस्तर में गिरावट के बावजूद नदी के बीच हुए मिट्टी का आच्छादन व उत्तरी छोर पर नदी के यू टर्न से हो रहे कटाव के कारण कार्यस्थल पर 8 मीटर से अधिक गहराई तक पानी बह रहा है. इसके कारण कार्य में परेशानी व विलंब हो रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य स्थल तक 15 दिनों के अंदर एप्रोच पथ बना दिया जायेगा. एवं पहला पाया के निमार्ण के लिए बेल फाउंडेशन का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. बेल फाउंडेशन के दौरान कोई बाधा नहीं हुई हुई तो अप्रैल माह के अंत तक दोनों पाया का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. विदित हो कि जब 29 अगस्त 2010 को पुल का पाया नंबर 17,18 धसा था. तो इसे बचाने के लिए काफी मात्रा में बोल्डर क्रेटिग इसके बेस पर गिराया गया था. अगर बोलडर क्रेट कार्यस्थल के बेस में जमा होगा तो बेल फाउंडेशन के लिए मिट्टी खुदाई में काफी परेशानी होगी. ऐसी संभावित स्थिति में बेल फाउंडेशन की कार्याविधि बढ़ सकती है. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पूर्व में पाया की गहराई महज 29 फीट था. लेकिन एक्सटा डोज स्टे केबुल ब्रिज तकनीक से पुल मरम्मति को लेकर बनने वाले पाया की गहराई साढ़े 49 फीट होगी. अगर संभावित बाढ़ अवधि के पूर्व दोनों पाया का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया. तो बाढ़ अवधि के बाद फिर अक्टूबर में कार्य प्रारंभ कर दूसरे चरण के तहत पाया का रूफ व केबुल लगाने का कार्य किया जायेगा. हालांकि मरम्मति कार्य पूरा होने में लगभग दो वर्ष तक समय लग सकता है. बावजूद कार्य प्रारंभ होने से आवागमन के संकट झेल रहे लोगों में थोड़ी उम्मीद जगी है.

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