पहले प्राथमिकी का आदेश फिर लिया वापस दोषी शिक्षकों को बचाने के तिकड़म में जुटे शिक्षा विभाग के कारनामे की खुली पोल मामला प्रावि कात्यायनी स्थान में विभिन्न योजनाओं की राशि के गोलमाल का प्रधान शिक्षिका पर प्राथमिकी दर्ज करने का डीइओ ने दिया था आदेश 17 सितंबर के आदेश में प्राथमिकी दर्ज कर सात दिनों में भेजना था अनुपालन प्रतिवेदन डीपीओ मध्याह्न भोजन की जांच रिपोर्ट में विद्यालय प्रधान पर थे कई गंभीर आरोप विद्यालय में पोशाक राशि, छात्रवृति राशि सहित मध्याह्न भोजन में पायी गयी थी गड़बड़ी प्रतिनिधि, खगड़ियाशिक्षा विभाग में अजब-गजब खेल जारी है. ताजा मामले में पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गोलमाल के मामले में प्रधान शिक्षिका पर प्राथमिकी का आदेश दिया जाता है फिर एक महीने के अंदर ही वापस लेने की बात करते हैं. पूरा मामला प्राथमिक विद्यालय कात्यायनी स्थान से जुड़ा हुआ है. जिसके बच्चों द्वारा समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर प्रधान शिक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाये थे. इसके बाद डीएम के निर्देश पर डीपीओ ने पूरे मामले की स्थलीय जांच की, तो शिकायत सच निकला. डीपीओ ने पूरी जांच रिपोर्ट डीइओ को सौंप दी. इसके बाद 17 सितंबर को डीइओ ने चौथम बीइओ को विद्यालय की प्रधान शिक्षिका आशा भारती व पूर्व प्रधान दिवाकर चौधरी पर प्राथमिकी का आदेश देते हुए सात दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन तलब किया था. पर, आदेश ठंडे बस्ते में पड़ा रहा और इधर मामला मैनेज करने का दौर चलता रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर एक महीने तक सरकारी आदेश फाइलों में क्यों घूमता रहा? कहीं इसके पीछे शिक्षकों को बचाने की मंशा तो नहीं थी? आखिर जो ग्रामीण व बच्चे कुछ दिनाें पूर्व समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन के वक्त कई आरोप लगाये, तो वह अब कैसे मुकर गये? पूरे घटनाक्रम से शिक्षा विभाग कटघरे में है. बता दें कि विद्यालय में विभिन्न योजनाआें में गोलमाल से तंग छात्रों ने समाहरणालय द्वार पर प्रदर्शन कर डीएम से गुहार लगायी थी. इसके बाद आनन-फानन में डीइओ के निर्देश पर डीपीओ मध्याह्न भोजन ने 14 सितंबर को विद्यालय का निरीक्षण किया था. इसमें अधिकांश योजनाआें में गोलमाल सहित कई गड़बड़ियाें का खुलासा हुआ था. क्या था डीइओ का आदेश 17 सितंबर को डीइओ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर चौथम बीइओ को प्राथमिक विद्यालय कात्यायनी स्थान की प्रधान शिक्षिका आशा भारती व पूर्व प्रभारी दिवाकर चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सात दिनों के अंदर अधोहस्ताक्षरी को प्रतिवेदन उपलब्ध करवाने का स्पष्ट निर्देश दिया था. इतना ही नहीं ससमय अनुपालन नहीं होने पर बीइओ को भी दोषी मानते हुए आगे की कार्रवाई का जिक्र आदेश में है. आखिरकार पूर्व की तरह इस बार भी पैरवी के बल प्राथमिकी का आदेश दबा दिया गया. जिन ग्रामीणों ने शिकायत की थी वही अब शिकायत वापस लेने का आवेदन दिये हैं. साथ ही आरोप के घेरे में आयी प्रधान शिक्षिका ने तीन महीने के अंदर भवन निर्माण कराने का शपथ पत्र दिया है. सो अब प्राथमिकी का आदेश वापस लिया जा रहा है. ब्रजभूषण सिंह, डीइओजांच रिपोर्ट में लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं. ग्रामीणों की शिकायत का मामला सुलझ गया है.आशा भारती, प्रधान शिक्षिका, प्रावि कात्यायनीइस मामले में काफी दबाव दिया जा रहा है. कभी वीआइपी की पैरवी, तो कभी विभागीय मौखिक आदेश के कारण अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. रामकुमार, बीइओ, चौथम————-14 सितंबर की जांच रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु * सितंबर में जांच के दौरान उपस्थिति पंजी में जून महीने में प्रधान शिक्षिका की उपस्थिति नहीं बनी थी. * शैक्षणिक कार्य ठप, विद्यालय भवन का उपयोग जलावन रखने व जानवरों के रहने के लिए हो रहा था * निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी से स्थिति विद्यालय भवन काफी जर्जर पाया गया. * फर्श, खिड़की, दीवार सहित छत जर्जर पाये गये * सर्व शिक्षा अभियान के अभियंता की मिलीभगत से गोलमाल का खुलासा * मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी पायी गयी, फर्जी हाजिरी के आधार पर गोलमाल का खुलासा * छात्र उपस्थिति पंजी सहित अन्य पंजी संधारित नहीं मिलीं
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पहले प्राथमिकी का आदेश फिर लिया वापस
पहले प्राथमिकी का आदेश फिर लिया वापस दोषी शिक्षकों को बचाने के तिकड़म में जुटे शिक्षा विभाग के कारनामे की खुली पोल मामला प्रावि कात्यायनी स्थान में विभिन्न योजनाओं की राशि के गोलमाल का प्रधान शिक्षिका पर प्राथमिकी दर्ज करने का डीइओ ने दिया था आदेश 17 सितंबर के आदेश में प्राथमिकी दर्ज कर सात […]
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