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फर्जी कार्डधारी अब नहीं गटक पायेंगे अनाज, पीओएस मशीन रोकेगी हेराफेरी

खगड़िया/गोगरी : फर्जी तरीके से सरकारी अनाज गटकने वालों का अब बंटाधार होने वाला है. प्रखंड के पीडीएस दुकानों में पीओएस मशीन लगाये जायेंगे. पीओएस मशीन में बायोमेट्रिक पहचान दर्ज करने वाले लाभुक ही सरकारी अनाज का उठाव कर सकेंगे. इस पायलेट प्रोजेक्ट पर काम अंतिम चरण में है.जिले के गोगरी प्रखंड में सर्वप्रथम योजना […]

खगड़िया/गोगरी : फर्जी तरीके से सरकारी अनाज गटकने वालों का अब बंटाधार होने वाला है. प्रखंड के पीडीएस दुकानों में पीओएस मशीन लगाये जायेंगे. पीओएस मशीन में बायोमेट्रिक पहचान दर्ज करने वाले लाभुक ही सरकारी अनाज का उठाव कर सकेंगे.

इस पायलेट प्रोजेक्ट पर काम अंतिम चरण में है.जिले के गोगरी प्रखंड में सर्वप्रथम योजना को धरातल उतारा जायेगा. इसके लिए गोगरी में कुल 108 पीओएस विभाग के द्वारा प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को उपलब्ध करा दिया गया है. इसकी सफलता के बाद सभी प्रखंडों में इस सिस्टम को लागू कर दिया जायेगा. गोगरी एमओ शशिभूषण कुमार ने कहा कि पीओएस सिस्टम से काम करने के लिए सभी डाटाबेस का काम हो चुका है.
सभी लाभुकों का डाटा तैयार कर लिया गया है.साथ ही दुकानदारों की भी सभी तरह का डाटा को अपलोड कर लिया गया है.योजना के तहत सभी लाभुकों को आधार कार्ड सीडिंग के लिए नवम्बर महीने के अंतिम तारीख तक का मौका दिया गया है. यदि कोई लाभुक आधार सीडिंग में लापरवाही करेगा तो उसका राशन कार्ड अमान्य करने के साथ उन्हें राशन और केरोसिन से वंचित किया जायेगा.
पीओएस सिस्टम को लागू करने के लिए अब लाभुकों द्वारा दिये गये आधार नंबर का क्रॉस जांच विभाग के द्वारा किया जा रहा है.क्रॉस जांच पूरा होने के बाद सिस्टम से जोड़कर ऑनलाइन करके नयी तकनीक का लाभ लोगों को मिलने लगेगा. गरीब हो या अमीर जिसके पास कार्ड है उसे हर महीने सामान्य मात्रा में केरोसिन दिये जाते है.ग्रामीण क्षेत्र में प्रति कार्ड पर एक हर महीने दिये जाते हैं.शहरी क्षेत्र में कार्डधारी को केरोसिन नहीं दिये जाते है.
पीडीएस प्रणाली में आयेगी पारदर्शिता
एमओ शशिभूषण कुमार ने कहा कि नयी व्यवस्था से जहां फर्जी तरीके से अनाज गटकने वाले लोग छंट जायेंगे. वहीं पीडीएस वाले भी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे. बायोमेट्रिक पहचान जितने लोगों को दर्ज होगा उसी को सही लाभुक माना जायेगा.
दूसरे के नाम दर्ज कर राशन देने का बहाना बनाकर कोई भी दुकान प्रशासन को धोखा नहीं पायेगा.साथ ही दुकानदार के द्वारा एक दिन में कितने लाभुकों को अनाज दिये सभी डाटा ऑनलाइन हो जायेगा.विभाग के अधिकारी से लेकर दिल्ली में बैठे खाद्य आपूर्ति के अफसर भी देख सकेंगे.इस सिटस्म से योजना वितरण में पारदर्शिता आयेगी.साथ ही कालाबाजारी पर भी लगाम लगेगा.
प्रत्येक डीलर को मिलेंगे एक-एक पीओएस मशीन हर डीलर को विभाग के द्वारा एक-एक पीओएस मशीन दिये जायेंगे. लाभुकों को भी जानकारी दी जा रही है जिसका बायोमिट्रिक में पहचान दर्ज होगा वही अनाज का उठाव कर सकता है.परिवार के किसी अन्य सदस्य व अनाज नहीं उठा पायेंगे. इस सिस्टम से अनाज का लाभ लेने वाले को फायदा होगा.
कहते हैं अधिकारी
पीओएस मशीन सिस्टम को गोगरी प्रखंड में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है. इसके बाद जिले के दूसरे प्रखंडों में सिस्टम पर काम किया जायेगा. गोगरी दिसंबर 2019 से नये सिस्टम से जुड़ जायेगा.
शशिभूषण कुमार, एमओ गोगरी.

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