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लोकसभा चुनाव : खगड़िया में तेजस्वी ने कहा- देश, संविधान, आरक्षण और लालू को न्याय दिलाने का है यह चुनाव

खगड़िया : ‘यह कोई मामूली चुनाव नहीं है. यह चुनाव देश, संविधान, आरक्षण और लालू को न्याय दिलाने का चुनाव है.’ महागठबंधन के वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार मुकेश सहनी के लिए वोट मांगने के लिए बुधवार को खगड़िया पहुंचे तेजस्वी यादव ने उक्त बातें कहीं. खगड़िया के गोगरी स्थित भगवान इंटर उच्च विद्यालय के मैदान […]

खगड़िया : ‘यह कोई मामूली चुनाव नहीं है. यह चुनाव देश, संविधान, आरक्षण और लालू को न्याय दिलाने का चुनाव है.’ महागठबंधन के वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार मुकेश सहनी के लिए वोट मांगने के लिए बुधवार को खगड़िया पहुंचे तेजस्वी यादव ने उक्त बातें कहीं. खगड़िया के गोगरी स्थित भगवान इंटर उच्च विद्यालय के मैदान में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि लालू यादव को साजिश के तहत जेल में रखा गया है. साथ ही कहा कि वे बीमार पिता से मिलने गये थे, लेकिन मिलने नहीं दिया गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जानते थे कि लालू जी बाहर रहेंगे, तो किसी माई के लाल में दम नहीं कि संविधान, देश और आरक्षण से छेड़छाड़ कर सके. लालू जी बाहर रहेंगे, तो किसी में हिम्मत नहीं कि दंगा फैला सके. भाईचारे को बिगाड़ सके. लालू यादव गीदड़-भभकी से डरनेवाले नहीं हैं. लालू यादव ‘शेर’ हैं. मनुवादी लोग अगर सोच रहे हैं कि लालू यादव को जेल में बंद करके कामयाब हो जायेंगे, तो मंसूबा पूरा नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार झूठ पर झूठ की राजनीति, दंगा फैलाने की राजनीति, गुमराह करने की राजनीति, नफरत फैलाने की राजनीति कर रही है. मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘चाचा जी ने कहा था मिट्टी में मिल जायेंगे, परंतु भाजपा से हाथ नहीं मिलायेंगे. भाजपा से तो मिल गये, मिट्टी में मिलाना जनता की जवाबदेही रह गयी है. जनता के समर्थन से वे मिट्टी में एक दिन मिल जायेंगे.’ साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ जो गया, वह राजा हरिश्चंद्र और जो नहीं गया, वह जेल में बंद. यही राजनीति देश में चल रही है. पूर्णत: तानाशाही व अघोषित इमरजेंसी है. नीतीश कुमार इसीलिए भाजपा के साथ मिल गये कि उन्हें सृजन घोटाला में फंसने का डर था. तेजस्वी यादव ने सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी को चुनौती देते हुए कहा कि आओ मेरे घर में कार्यालय खोल लो. जरूरत नहीं पड़ेगी छापेमारी की. हम पर तब मुकदमा हुआ जब 13 साल का था. आज जनता की अदालत में आये हैं, जहां ना तो सुनवाई होती है, ना ही तारीख होती है, सिर्फ फैसला होता है. पिता ने कहा है परेशान और निराश होने की जरूरत नहीं है. ज्यादा परेशान होगे, तो जनता मालिक के बीच में चले जाना. फैसला जनता मालिक ही करेगी.

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