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PM मोदी की नजर समाज की पिछली पंक्ति में रहने वाले लोगों पर भी : रिक्शा चालक शंभू पासवान

– रिक्शा चालक शंभू पासवान ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है पत्राचार– अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए पीएम से रिक्शा चालक ने लगायी गुहार– पीएम मोदी ने भी रिक्शा चालक को नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ सरकार की उपलब्धि का भी किया बखानधीरज सिंहखगड़िया (गोगरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

– रिक्शा चालक शंभू पासवान ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया है पत्राचार
– अपनी बीमार पत्नी के इलाज के लिए पीएम से रिक्शा चालक ने लगायी गुहार
– पीएम मोदी ने भी रिक्शा चालक को नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ सरकार की उपलब्धि का भी किया बखान

धीरज सिंह
खगड़िया (गोगरी):
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर देश के कोने-कोने पर तो है ही, खासकर पीएम की खास नजर देश में समाज की पिछली पंक्ति में बैठे गरीबों पर भी है. प्रधानमंत्री के नजरे इनायत का एक उदाहरण यह है कि बिहार के सबसे छोटे जिले खगड़िया के नगर पंचायत क्षेत्र जमालपुर गोगरी के वार्ड नंबर 17 स्थित पासवान टोला जैसे एक छोटी बस्ती में रहने वाले रिक्शा चालक शंभू पासवान द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गये पत्र का जवाब मिलता है. कई पत्रों के जवाब के साथ प्रधानमंत्री ने नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी.

साथ ही अपने द्वारा देश में कियेगये विकास का बखान करते हुए गरीब रिक्शा चालक को भेजे गये जवाब में दिया. प्रधानमंत्री रिक्शा चालक शंभू पासवान को सिर्फ बधाई ही नहीं दी, बल्कि उनको व उनके परिवार की कठिनाइयों के भी तारणहार बने. शंभू पासवान जो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष भी हैं पीएम मोदी के गुणगान करते हुए सभी लोगों को पत्र दिखाते हुए नहीं थक रहे हैं. शंभू पासवान ने बताया की 2016 में उनकी धर्मपत्नी लीला देवी एक बार बहुत ज्यादा बीमार पड़ गयी थी. तो उन्हें इलाज के लिए गोगरी रेफरल अस्पताल पहुंचे थे. अस्पताल में उनकी पत्नी को देखकर दवा तो लिख दी गयी, लेकिन दवा बाजार से खरीदने को कहा गया.

अपनी गरीबी हालत के कारण शंभू पासवान के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी बीमार पत्नी के बारे में पत्र लिखकर बताया. पासवान का कहना है कि उन्हें विश्वास नहीं था कि प्रधानमंत्री उनके पत्र का जवाब देंगे. लेकिन, पीएम मोदी ने रिक्शा चालक के पत्र का जवाब तो दिया ही साथ ही अपने सरकारी तंत्र की भी क्लास लगा दी. उन्होंने राज्य स्वास्थ्य आयोग से लेकर सिविल सर्जन तक रिक्शा चालक शंभू पासवान की पत्नी के इलाज का फरमान जारी कर दिया. प्रधानमंत्री द्वारा लिए गये कड़े एक्शन से हरकत में आयी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शंभू पासवान को खोजना शुरू कर दिया.

शंभू पासवान बताते हैं कि एक साधारण चिकित्सक उन्हें कोई तरजीह ही नहीं दे रहे थे. लेकिन, प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए पत्र के कारण सिविल सर्जन उनके दरवाजे पर पहुंचे और बीमार पत्नी का इलाज करवाया. रिक्शा चालक शंभू पासवान ने बताया कि उन्होंने 5 बार पीएम मोदी को पत्र लिखा और सभी पांचों बार पीएम का जवाब उन्हें मिला. आगे बताया कि उन्होंने देश के कई प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है. लेकिन, आज तक किन्हीं ने जवाब नहीं दिया. सिर्फ नरेंद्र मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पत्र का जवाब देने के अलावा मेरे दुख दर्द में भी मरहम लगाने का कार्य किया.

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