आजमनगर : नेपाल की तराई सहित दार्जिलिंग के विभिन्न हिस्सों में कई दिनों से हो रही भीषण बारिश के कारण किशनगंज के करीब महानंदा नदी अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी है. यहां का जलस्तर डेंजर लेवल को पार करते हुए कटिहार जिले से होकर बहने वाली महानंदा नदी की तरफ तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. तेज रफ्तार को देखते हुए विभागीय स्तर पर संभावित हाइअलर्ट मानते हुए एसडीओ से लेकर जेइ समेत होमगार्ड के जवानों को चौकसी के साथ सक्रिय रहने को कहा गया है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक महानंदा नदी का जलस्तर किशनगंज जिले के विभिन्न आक्रामक बिंदुओं पर डेंजर लेवल को पार कर गया है.
ऐसे में आशंका जतायी जा रही है कि नेपाल सहित दार्जिलिंग हिस्सों में जिस तरह से लगातार बारिश हो रही है, ऐसी स्थिति में कटिहार जिले से होकर बह रही महानंदा नदी में अगले 72 घंटों में जल स्तर वार्निंग को पार कर डेंजर लेवल की तरफ बढ़ेगा. इसे देखते हुए विभाग चौकसी बरत रहा है. सालमारी डिवीजन अंतर्गत सभी आक्रामक बिंदुओं से लेकर विभिन्न नदी तल से ऊपरी हिस्से पर संघर्षात्मक कार्य के लिए मुकम्मल और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहने की बात सालमारी डिवीजन के अधिकारी बता रहे हैं. गौरतलब हो कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी अंतर्गत बहरखाल स्थित स्पर संख्या 15, आजमनगर रिंग बांध 56, बहरखाल स्थित स्पर 15 के अलावा 44,65,66 पर भी बाढ़ पूर्व एंटीरोजन कार्य करोड़ों रुपये की लागत से कराये गये हैं.
रोज दर्ज किया जा रहा जलस्तर: बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी अंतर्गत महानंदा बेसिन में जलस्तर में बढोत्तरी दिन प्रति दिन दर्ज की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक विभाग द्वारा 15 जून से जलस्तर में बढोत्तरी दर्ज करना शुरू किया गया है. तीन जून को विभाग झौआ में डेंजर लेवल 31.40 की अपेक्षा सुबह 30.06 दर्ज किया गया. यहां वार्निंग लेवल 30.80 है. बहरखाल में जलस्तर सुबह 29.90 दर्ज किया गया, जबकि यहां डीएल 31.09 है, जबकि डब्लूएल 30.48 है. आजमनगर सुबह 29.26 दर्ज किया गया, जबकि यहां डब्लूएल 29.26 है. धबौल में सुबह जलस्तर 28.37 दर्ज किया गया, जबकि यहां डब्लूएल 28.65 तो डीएल 29.26 है. इस तरह सुबह दोपहर शाम तीन चरणों में जलस्तर दर्ज किया जा रहा है.
पांच प्रखंड होंगे प्रभावित
महानंदा नदी में जिस रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि हो रही है. उसे देखते हुए कदवा, आजमनगर, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी प्रखंड के कई पंचायातों में महानंदा नदी का पानी प्रवेश कर जायेगा. जहां संभावित तौर पर भारी तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता है. लोग ऐसे कयास इसलिए लगा रहे हैं कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी अंतर्गत कदवा प्रखंड के शिवगंज में वर्ष 2017 में 14 अगस्त को तटबंध कट गया था. इसे बाढ़ पूर्व स्थानीय विरोध के कारण मरम्मत नहीं किया जा सका. जहां से वर्णित प्रखंडों के विभिन्न पंचायतों में पानी प्रवेश होगा. इसके लिए विभाग के पास कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. यहां तमाम आधिकारिक दावे फेल नजर आ रहे हैं.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल सालमारी के कार्यपालक अभियंता सच्चिदानंद साह ने बताया कि महानंदा नदी उनके डिवीजन में वार्निंग लेवल से नीचे बह रही है. किशनगंज इलाके में महानंदा नदी का जलस्तर विभिन्न जगहों पर डेंजर लेवल को पार कर कटिहार जिले की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में संभावित तौर पर खुद में अलर्ट मानते हुए सभी सक्रिय हैं. क्योंकि महानंदा यहां निचले सिरे पर है. जलस्तर पिछले 72 घंटों के अंतराल में डेंजर लेवल की तरफ बढ़ेगा, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. पानी से संघर्ष को लेकर संसाधन अपर्याप्त नहीं हैं. लाखों लाख बालू भरी बोरियां रखी गयी हैं.