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एक दिसंबर से जमीन का होगा ऑनलाइन मोटेशन

खगड़िया : आगामी एक दिसंबर से जमीन का ऑनलाइन मोटेशन शुरू होगा. इसके बाद मोटेशन के लिये लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना होगा. साथ ही अब किसानों को आरटीपीएस काउंटर की लंबी व उबाऊ प्रक्रिया के झंझट से निजात मिलने वाली है. एक दिसंबर से जमीन का ऑनलाइन दाखिल खारिज-मोटेशन का कार्य शुरू […]

खगड़िया : आगामी एक दिसंबर से जमीन का ऑनलाइन मोटेशन शुरू होगा. इसके बाद मोटेशन के लिये लोगों को कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना होगा. साथ ही अब किसानों को आरटीपीएस काउंटर की लंबी व उबाऊ प्रक्रिया के झंझट से निजात मिलने वाली है. एक दिसंबर से जमीन का ऑनलाइन दाखिल खारिज-मोटेशन का कार्य शुरू होगा.

ऑनलाइन मोटेशन की चर्चा पिछले वर्ष से ही चल रही थी. तैयारी पूरी नहीं हो पाने की वजह से यह कार्य आरंभ नहीं हो पाया था. फिलहाल यह सुविधा सदर अंचल के किसानों को ही मिलेगी. अन्य छह अंचल क्रमश: मानसी, अलौली, चौथम, परबत्ता, गोगरी एवं बेलदौर अंचलों में अगले वर्ष के अप्रैल माह से ऑनलाइन मोटेशन शुरू होने की उम्मीद है. यहां जमाबंदी के इंट्री का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिस कारण इन अंचलों में दिसंबर की जगह अप्रैल माह से ऑनलाइन मोटेशन का कार्य शुरू होगा.

जमीन के दाखिल खारिज के साथ साथ एक दिसंबर से सदर अंचल के किसान अपने जमीन के लगान रसीद एवं एलपीसी यानी लैंड पजिशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे. पहले लगान रसीद कटाने के लिए किसानों को राजस्व कर्मचारी एवं एलपीसी एवं जमीन के दाखिल खारिज के लिए अंचल के आरटीपीएस काउंटर पर जाना पड़ता था. अब इन तीनों कामों के लिए रैयत घर बैठे बैठे ही आवेदन दें सकेंगे. विभागीय जानकारी के मुताबिक सदर अंचल के सभी 51 राजस्व ग्राम के एक लाख 15, 985 रैय्यतों के जमाबंदी को कंप्यूटर पर लोड कर दिया गया है.
दरबारी व चढ़ावा की प्रथा से मिलेगा छुटकारा
अधिकारी भले ही साफ-सुथरी व्यवस्था होने की दावा करते हो लेकिन जमीनी हकीकत यही थी लगान रसीद कटाने में किसानों को कई पापड़ बेलने पड़ते थे. लगान रसीद कटवाने के लिए उन्हें बिचौलिये तक की मदद लेनी पड़ती थी. बिचौलिये के माध्यम से रसीद कटाने में किसानों का आर्थिक शोषण होता था. उल्लेखनीय है कि अधिकांश हल्का कर्मचारी अपने आवंटित पंचायत में नहीं रहते. इस वजह से यह आम लोगों को आसानी से नहीं मिल पाते. मजबूर होकर किसानों को बिचौलिये का सहारा लेना पड़ता था. जमीन के दाखिल खारिज कराने व एलपीसी बनाने में भी अब किसानों को सहूलियत होगी. जानकार बताते हैं ऑनलाइन मोटेशन शुरू हो जाने के बाद दरबारी एवं चढ़ावे की प्रथा से भी किसानों को छुटकारा मिलने की उम्मीद है.
दरबारी प्रथा एवं रिश्वतखोरी पर भी काफी हद तक लगेगा लगाम
फिलहाल यह सुविधा सदर अंचल के किसानों को ही मिलेगी
राजस्व कर्मचारी ने सौंपा प्रमाण पत्र
राज्य स्तर से भी एक दिसंबर से सदर अंचल में ऑनलाइन मोटेशन लगान रशीद एवं एलपीसी का कार्य आरंभ कराने का स्पष्ट आदेश था. जिला स्तर से भी यहीं आदेश जारी हुए थे. बुधवार को सदर अंचल के सीओ, सीआइ एवं राजस्व कर्मचारी के साथ डीएम ने इस भू-अभिलेख के कंप्यूटराइजेशन कार्य की समीक्षा की तथा सभी राजस्व कर्मचारी से इस बात का प्रमाण पत्र लिया कि उन्हें हल्का में सभी जमाबंदी का इंट्री कंप्यूटर पर किया जा चुका है.

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