खगड़िया : जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया ने कहा कि जिस देश में बाबा के चरण में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री नतमस्तक होंगे वहां बाबा के गलत कार्यों पर पुलिस कैसे कलाई पकड़ सकती है. खगड़िया के केएन क्लब में गरजते हुए युवा नेता ने कहा कि सत्ता के लिये भाजपा वाले कुछ भी कर सकते हैं. राम, गाय के नाम पर देश की जनता को गुमराह किया जा रहा है.
भाजपा संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है. देश में आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. आस्था के नाम पर जानवर के लिए इंसान की हत्या हो रही है. देश के लोगों को बांट कर राज करने की नीति पर भाजपा वाले चल रहे हैं. बिहार में हाल के घटनाक्रम पर अपरोक्ष रुप से टिप्पणी करते हुए युवा नेता कन्हैया ने कहा कि आज नेताओं की संपत्ति बढ़ रही है लेकिन आम लोगों की संपत्ति दिन ब दिन घटती जा रही है.
खुद अमित शाह की संपत्ति पिछले पांच सालों में 300 गुणा बढ़ गयी है. केंद्र सरकार को इसकी भी जांच करवानी चाहिये. बिहार में सृजन घोटाला को दुर्जन घोटाला की संज्ञा देते हुए कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार कब बदल जायेंगे कहना मुश्किल है.
बचाओ भारत, बदलो भारत : बचाओ भारत, बदलो भारत नारों के साथ जेएनयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कन्हैया का रथ बुधवार को केएन क्लब पहुंचा. केएन क्लब में सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा कि भागलपुर से आने में कुशासन की सड़के अच्छी नहीं थी. इसलिए थोड़ी देर हो गयी. आश्चर्य है कि सरकार टॉल टैक्स लेती है लेकिन सड़कें अच्छी नहीं है. इसका कारण सरकार में इच्छा शक्ति की कमी है. उन्होंने कहा कि हमारा यह रथ देश के संविधान को बचाने, समान शिक्षा लागू करने, बेरोजगारी की समस्या को देर करने, गरीबी मिटाने को लेकर चला है. देश की हालत खराब है. क्योंकि किसान अपनी गाढ़ी कमाई से बच्चे को इंजीनियर बनाता है, लेकिन उसके बच्चे को नौकरी नहीं मिल पाती है. सभा को एआइवाइएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम, राज्य सचिव सुशील कुमार, सीपीआइ के जिला मंत्री प्रभाकर प्रसाद सिंह, एआइएसएफ के जिला सचिव रजनीकांत, राष्ट्रीय सचिव संजीव कुमार सिंह, बलिउल्लाह कादरी, तपस सिन्हा आदि ने भी संबोधित किया.
जनसमर्थन देख घबराने लगे भाजपाई
देश में अलग अलग जाति धर्म के लोग रहते हैं. अगर उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा, पिछड़े अति पिछड़े को रोजगार के अवसर नहीं मिलेगे तो देश का विकास नहीं विनाश होना कहेंगे. उन्होंने कहा कि यह कांरवां देश में बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए चला है. इसलिए झांसाराम घबरा रहे हैं. यह कारवां बाढ़ के मुआवजे, शिक्षा, किसानों के आत्म हत्या रोकने के लिए चल पड़ा है. इसका उद्देश्य सबको सम्मान दिलाने से संबंधित है. उन्होंने कहा कि सरकार को हम से घबराहट होती है क्यों कि हम सच को लेकर चले हैं.