बलिया बेलौन कांग्रेस विधायक दल के नेता सह कदवा विधायक डॉ शकील अहमद खान ने बजट सत्र के दौरान तारांकित प्रश्न के माध्यम से बलिया बेलौन को प्रखंड बनाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कदवा प्रखंड के पूर्वी भाग के बलिया बेलौन सहित एक दर्जन पंचायतों की आबादी को प्रखंड मुख्यालय कदवा जाने के लिए 50 किमी से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. सरकार कब तक बलिया बेलौन को प्रखंड का दर्जा दिलाने का विचार रखती है. ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री ने कहा कि कदवा प्रखंड के कुल 30 पंचायत है. 12 पंचायत बेलौन, शेखपुरा, चनदहर, निस्ता, मधाइपुर, भौनगर, बेनी जलालपुर, उनासो पचगाछी, रिजवानपुर, तैयबपुर, शिकारपुर, बीझारा महानंदा नदी के पूर्वी क्षेत्र में अवस्थित है. महानंदा नदी के पूर्वी क्षेत्र में अवस्थित 12 पंचायतों के निवासियों को प्रखंड मुख्यालय कदवा आने जाने में लगभग 25 से 47 किमी की दुरी तय करनी पड़ती है. आवागमन के लिए महानंदा नदी पर झोआ के समीप पुल के साथ सम्पर्क पथ निर्मित है. जो प्रखंड मुख्यालय को इन सभी 12 पंचायतों से जोड़ती है. सभी सरकारी योजनाओं का लाभ, सुविधा कदवा प्रखंड से प्रदान की जाती है. डीएम से कदवा प्रखंड के बलिया बेलौन को नया प्रखंड का दर्जा दिये जाने के संबंध में प्रखंड सृजन के औचित्य सहित स्पष्ट मंतव्य के साथ विहित प्रपत्र में पूर्ण प्रतिवेदन प्रमंडलीय आयुक्त के अनुशंसित प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात निर्धारित प्रक्रिया के तहत नियमानुसार आवश्यक अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. बलिया बेलौन को प्रखंड बनाने का मुद्दा विधानसभा में उठाये जाने पर स्थानीय मुखिया मेराज आलम ने कहा की कुछ आशा की किरण जगी है. विधायक को धन्यवाद देते हुए संघर्ष रखने की बात कही. समाजसेवी हसनैन रेजा ने मांगा को वाजिब बताते हुए बलिया बेलौन को शीघ्र प्रखंड का दर्जा देने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है