फलका पाक व बरकत का महीना रमजानुल मुबारक के पहले जुमा की नमाज प्रखंड की विभिन्न मस्जिदों में रोजेदारों ने अकीदत के साथ अदा की. आम दिनों की अपेक्षा मस्जिदों में नमाजियों की काफी भीड़ रही. सालेहपुर महेशपुर के नहरी मस्जिद के इमाम शब्बीर अहमद कासमी ने जुमा की नमाज अदा करने के पूर्व अपनी तकरीर में पाक माह रमजान की फजीलत पर रौशनी डालते हुए कहा कि रमजान-ऊल-मुबारक को तमाम महीनों का सरदार कहा गया है. ऐसे तो इस्लाम धर्म में हर माह की अलग-अलग फजीलत है. माह-ए-रमजान की अहमियत ज्यादा है. इस मुकद्दस माह में सवाब (पुण्य) में सत्तर गुणा इजाफा कर दिया जाता है. पहली रमजान से ही शैतान को कैद कर दिया जाता है. जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं ओर जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं. उन्होंने सब्र व इबादत के इस माह में रोजा रखने का सबब, कुरआन पाक की तिलावत, इफ्तार, तरावीह, नमाज, सेहरी तथा गरीबों के बीच ज़कात पर विस्तार पूर्वक रौशनी डाला. फलका बाजार जामा मस्जिद सहित बस्ती जामा मस्जिद, सालेहपुर पीरमोकाम, पोठिया,भरसिया, मोरसंडा, दयालपुर, बड़ी चातर, सहित प्रखंड की अन्य मस्जिदों में माह-ए-रमजान के पहले जुमा की नमाज अदा की गयी.
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