परीक्षा के दौरान छात्र रहते हैं परेशान, कॉलेज प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
कक्षा नंबर दो व तीन की हालत खस्ता, टूट कर गिर रहा छत
कटिहार. पीयू अंगीभूत इकाई जिले का ख्यातिलब्ध केबी झा कॉलेज की भवनों का हालत जर्जर है. आधारभूत संरचना कमजोर होने की वजह से कॉलेज प्रशासन व प्रबंधन किंकतब्यमूढ़ की स्थिति में है. दूसरी ओर छात्र से लेकर शिक्षक परेशान हैं. खासकर वर्ग कक्ष की हालत बद से बदतर होने की वजह से छात्रों का पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जगह-जगह से छत व दीवार टूटकर गिरते रहने से छात्र पठन-पाठन पूरी तन्मयता से नहीं कर पा रहे हैं. छात्र-छात्राओं की मानें तो पढ़ाई के दौरान दिमाग स्थिर नहीं हो पाता है. हर हमेशा भय बना रहता है कि कब वर्गकक्ष की छत व दीवार टूटकर गिर जाये व उनके साथ कोई अनहोनी घट जाये. इसको लेकर बार- बार कॉलेज प्रशासन से लेकर कॉलेज प्रबंधन तक को अवगत कराया जाता है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिये जाने से वे लोग परेशान हैं. अभाविप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत सिंह, राजा सिंह, रवि सिंह समेत कई छात्रों का कहना है कि सबसे खराब हालत परीक्षा के दौरान हो जाती है. जब वर्गकक्ष दो और तीन में परीक्षा ली जाती है. तीन से चार घंटे के समय में हर हमेशा सहम कर परीक्षा देने की मजबूरी बन जाती है. उनलोगों का कहना है कि केबी झा कॉलेज में अक्सर सभी वर्ग कक्षाओं की हालत एक समान है. छात्रों का कहना है कि केबी झा कॉलेज की जर्जर स्थिति को लेकर विवि प्रशासन तक को अवगत कराया गया है. हाल ही में खाे-खो के दौरान आये क्रीड़ा पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया था. यह भी बताया गया था कि परीक्षा के दौरान छात्रों की संख्या अधिक होने पर इंडोर हॉल में परीक्षा सीट आवंटन कर परीक्षा ली जाती है. मालूम हो कि करीब बारह वर्ष पूर्व मोटी रकम से खेल को बढ़ावा देने के लिए इंडोर स्टेडियम का निर्माण तत्कालीन प्राचार्य डॉ संजीव कुमार के प्रयास से कराया गया था. जिसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस सहित अन्य इंडोर गेम का आयोजन किया जाता था. इन दिनों इसमें परीक्षा संचालित करने का कार्य किया जाता है. इससे खेल प्रभावित होता है. जिसका नतीजा है कि छात्र खेल के प्रति कम रूचि ले पाते हैं.विवि को कराया गया है जर्जर भवन से अवगत
कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ हरेन्द्र कुमार सिंह की माने तो केबी झा काॅलेज में भवनों की हालत खराब है. विवि से मरम्मति को लेकर अनुमति मांगी गयी है. परीक्षा के दौरान छात्रों की संख्या अधिक दे दिये जाने के कारण थोड़ी बहुत परेशानी होती है. कक्षा नंबर दो और तीन काफी जर्जर है. हर हमेशा छत टूट टूट कर गिरने से शिक्षक भी वर्ग संचालन में भय खाते हैं. विवि से पुन: मरम्मति को लेकर अनुमति मांगी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

