प्रतिनिधि, कटिहार मां जानकी धाम के संस्थापक राजेश गुरनानी ने एक नई धार्मिक परंपरा की नींव रखी. कहा कि मां जानकी धाम भव्य मंदिर बड़ी हसवर मनिहारी में बनया जा रहा है. उसके लिए वृंदावन की तर्ज पर 52 कोस की धार्मिक यात्रा प्रस्तावित है. श्रीराम के जन्मदिन से लेकर मां जानकी के जन्मदिन तक चलेगी. गौरतलब है कि रामनवमी चैत मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होती है. मां सीता नवमी वैशाख मास शुक्ल पक्ष की नवमी को मनायी जाती है. इसके बीच में एक माह का समय होता है. इस एक माह चलने वाली इस धार्मिक यात्रा को पीले वस्त्रों में करना अनिवार्य रहेगा. जय श्रीराम व जय माता जानकी के उद्घोष से श्रीराम जानकी गंगा घाट जामवंत नगर बाघमारा मनिहारी से शुभारंभ की जायेगी. यह घाट विशुद्ध रूप से देवताओं के वास वाला घाट माना जा रहा है. जहां गंगा उत्तर वाहिनी होती है, वह पवित्र मानी जाती है. संस्थापक राजेश गुरनानी ने बताया कि इस घाट पर एक कुंभ लगना चाहिये, जिसका अनुरोध आगामी दिनों में किया जायेगा. पीले वस्त्रों में श्रद्धालु घाट से नहाकर मुख्यालय मंदिर बाघमारा में आयेंगे. फिर उसके बाद मां जानकी धाम बड़ी हसवर जायेंगे. वहां से बाबा गोरखनाथ धाम सालमारी व फिर मां पुरण देवी मंदिर पूर्णिया तथा सोनेखाल शिव मंदिर बरारी और अंततः मां जानकी धाम में वापस आयेंगे. यह संपूर्ण धार्मिक यात्रा कुल 185 किलोमीटर की है. एक माह चलने वाले इस धार्मिक यात्रा अनुष्ठान का निर्देशन व संचालन मां जानकी धाम द्वारा किया जायेगा. घाट के अध्यक्ष के रूप में गांधी यादव बनाये गये हैं. सचिव जय कुमार सिंह, प्रमुख संरक्षक आचार्य विद्यासागर शास्त्री अटल रहेंगे. आगामी माह में इस श्रीराम जानकी घाट का निरीक्षण व अवलोकन के लिए कैबिनेट मंत्री बिहार सरकार डॉ प्रेम कुमार ने सहमति दी है. ताकि 17 सितंबर जब इस जगह पर प्राण प्रतिष्ठा सह शिलापूजन का भव्य कार्यक्रम हो. तब इसमे राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख संतों व राजनेताओं की उपस्थिति भली भांति हो सके. साथ में विनय सिंह निषाद, ज्योतिष आचार्य, दिनेश शर्मा, चंद्रभूषण ठाकुर, डॉ अशोक राय, कन्हैया लाल विश्वकर्मा, विनय देवनाथ, डॉ विनोद यादव, अधिवक्ता जसवंत सिंह, सिंघेश्वर प्रसाद मौजूद रहे.
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