कटिहार इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर कोई भी दुविधा नहीं बन रही है. चूंकि इस वर्ष सभी पंचाग 9 अगस्त को रक्षाबंधन को लेकर एकमत है. इसलिए 9 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जायेगा. रक्षाबंधन को लेकर बहनों ने राखी की खरीदारी शुरू कर दी है. रंग बिरंगे रखियों से पूरा बाजार सज गया है. पांच रुपया से लेकर 300 रुपया से ऊपर तक की राखी बाजार में उपलब्ध है. सभी बहने अपने-अपने हिसाब से अपने भाइयों के लिए राखी की खरीदारी करने में जुट गई है. एक तरफ जहां बहन अपने भाइयों की राखी की खरीदारी कर रही है तो दूसरी तरफ भाई भी अपनी बहन को उपहार देने के लिए खरीदारी में जुटे हुए हैं. भाई बहनों का रक्षाबंधन का त्यौहार दोनों के जीवन में उत्साह भर देने वाला त्यौहार है. इसको लेकर पहले से ही तैयारी की जा रही है. शहर के शिव मंदिर चौक, पानी टंकी चौक, शहीद चौक और सबसे ज्यादा फल पट्टी में बड़ी संख्या में राखी की दुकान सज गयी है. जहां एक से बढ़कर एक मनमोहक कारीगरी किये हुए राखी की खरीदारी करते हुए बहने नजर आ रही है. रक्षाबंधन को लेकर शहर के जाने-माने आचार्य डॉ राम कन्हाई शास्त्री ने बताया की इस वर्ष 9 अगस्त को भद्रा रहित रक्षाबंधन का उचित समय सूर्योदय से अपराह्न 01.32 तक का है. रक्षा बंधन भाई बहन का रक्षा व स्नेह का पर्याय है. रक्षाबंधन का पर्व पर बहन अपनी भाई का रक्षा के लिए ईश्वर से कामना करती है. रक्षा सूत्र बांधने में दिशा का ध्यान रखना परमावश्यक होता है. भाई को राखी बांधते समय बहन का मुख पश्चिम दिशा में होना चाहिए और भाई का मुख पूर्वत्तर दिशा में होना चाहिए. साथ ही रक्षा बंधन के समय दीप प्रज्ज्वलित होना साक्षी का रुप होता है. सबसे पहले बहन भाई को जल का छिड़काव करें. जल शांति का रुप होता है. फिर भाई को चंदन लगावे चंदन शीतलता का प्रतीक माना जाता है. तीलक लगाने के बाद उस पर अक्षत लगायें. अक्षत समृद्धि का सूचक होता है. फिर राखी बांधे, यदि संभव हो तो बहन इस मंत्र को पढकर राखी बांधे, जेन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम प्रतिबघ्नामि रक्षे मा चल मा चल: मंत्र नहीं याद होने पर रक्षाबंधन के समय बहने जरूर अपने मन में भाई का कल्याण के लिए ईश्वर का ध्यान कर राखी बांधे.
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