नियमित सफाई नहीं होने से दुर्गंध से लोगों होती है काफी दिक्कत कटिहार सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम के पास बनाये गये अवशिष्ट संग्रह बिंदु के कारण लोगों का वहां पर खड़ा रहना भी मुश्किल हो गया है. अवशिष्ट से उठने वाले दुर्गंध से लोगों का हाल बेहाल हो जाता है. नियमित तौर पर साफ-सफाई नहीं करने से वहां से उठने वाली दुर्गंध से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. सदर अस्पताल में अवशिष्ट संग्रह बिंदु बनाये गये हैं. चार छोटे-छोटे कमरे को तैयार किया है. नियम के अनुसार मेडिकल के वेस्ट कचरा को रखा जाता है. जब तक वेस्ट कचरा की गाड़ी आती नहीं है. तब तक यहां से कचरा का उठाव नहीं होता है. तब तक कचरा यूं ही पड़ा रहता है. जब गाड़ी आती है, तब इसे डिस्पोज करने के लिए ले जाती है. लेकिन नियमित तौर पर साफ-सफाई नहीं के करने के कारण यह स्थान हमेशा से लोगों के लिए परेशानी का सबब बना गया है. साफ-सफाई नहीं करने और दुर्गंध नहीं फैले इसको लेकर ज्यादा से ज्यादा फनाइल ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल नहीं करने से हमेशा दुर्गंध फैलती रहती है. यहां मेडिकल वेस्ट कचरा जैसे की इस्तेमाल हुए रुई, इंजेक्शन, ब्लड बैग, ब्लड से सनी पट्टी आदि जितने भी मेडिकल वेस्ट कचरा है. सभी को यहां पर स्टोर कर रखा जाता है. सबसे अहम प्लेसेंटा जो डिलीवरी के समय कचरा बाहर आता है. ऐसे सभी अवशिष्ट को इस स्थान पर रखा जाता है. प्लेसेंटा से उठने वाली दुर्गंध से पूरा वातावरण खराब हो रहा है. लोगों का यहां पर खड़ा रहना भी मुश्किल हो गया है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है. जब कोई शव का पोस्टमार्टम करने के लिए सदर अस्पताल लाया जाता है. जहां शव के साथ आने वाले लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. इसके अलावा सड़कों पर चलने वाले लोग भी इस उठने वाले दुर्गंध से परेशान होते हैं. अपना सांस को रोके हुए या नाक पर कपड़ा डालकर आगे से निकलने के लिए मजबूर हो जाते है. गलत हो कि अभी साफ-सफाई का जुम्मा जीविका ने अपने हाथों में ले लिया है. पुरानी एजेंसी को निरस्त करने के बाद जीविका की सफाई कर्मियों की भी संख्या काफी बढ़ी है. यहां तक की पहले की अपेक्षा अभी साफ सफाई के नाम पर ज्यादा खर्च भी किया जा रहा है.
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