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हादसों का गवाह बन चुका है एनएच 31 व 81

कोढ़ा थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग 31 और 81 हादसों का पथ बन चुका है. यहां आये दिन कोई न कोई हादसा होता ही रहता है.

एडी खुशबू, कोढ़ा

कोढ़ा थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग 31 और 81 हादसों का पथ बन चुका है. यहां आये दिन कोई न कोई हादसा होता ही रहता है. बेलगाम ट्रक व तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से पिछले एक माह के अंदर कई बड़ी और भीषण सड़क दुर्घटना घटी है. जिसमें नौ मासूम समेत अन्य लोगों की जान चली गयी है. जबकि इस सड़क दुर्घटना में 16 लोग जख्मी भी हुए हैं. इस सड़क पर ट्रक चालक एवं अन्य वाहन यातायात नियमों को ठेंगा दिखाकर वाहन सड़कों पर दौड़ाते हैं. नेशनल हाईवे 31 पथ चेथरियापीर से कुरसेला तक डेंजर जोन बन गया है. शायद ही ऐसा कोई दिन गुजरता हो कि इस पथ पर कोई न कोई सड़क हादसा न हो. जानकार वाहन चालक बताते हैं कि कोढ़ा थाना क्षेत्र के डूमर पुल के समीप, मूसापुर, फुलवरिया, गोंडवारा एवं पवई के समीप एनएच 31 एवं एनएच 81 पथ पर कोलासी पुल के समीप डेंजर जोन है. इस जगह बराबर कोई न कोई सड़क दुर्घटना होती रहती है.

रात के अंधेरे व अलसुबह बेलगाम होती है वाहनों की रफ्तार

कोढ़ा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे 31 पथ पर गोंदवारा में सड़क हादसों में सोमवार की रात्रि जहां दो लोगों की मौत हो गयी. आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. पुलिस प्रशासन के लाख कोशिशों के बावजूद लोग तेज गति से वाहन चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं तेज रफ्तार एवं असावधानी के कारण घट रही है. बताया जाता है कि रात के अंधेरे और अलसुबह वाहनों की गति का रफ्तार बेलगाम होती है. स्थानीय जानकार वाहन चालकों की माने तो रात के अंधेरे और अल सुबह के समय वाहन चालक पुलिस से नजर बचाकर भागने की कोशिश करते हैं. रफ्तार बेलगाम होने के कारण दुर्घटनाएं घटती है. लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं के बावजूद सड़कों पर वाहन चलाने के नियमों की पालन नहीं की जा रही है.

गति सीमा को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत

हादसे को लेकर बताया जाता है कि सड़क पर चलने वाले वाहनों के गति की जांच गंभीरतापूर्वक नहीं की जाती है. जिस कारण वाहन चालक वाहनों की गति बेलगाम रूप से करते हैं. हाईवा, ट्रकों, टेंकलोरी व अन्य कई वाहन मसलन और टोटो, ऑटो में अधिकांश चालक नशे में होने का अंदेशा जताया जाता है. जिस कारण चालकों का वाहनों पर नियंत्रण नहीं रह पाता है और परिणाम स्वरूप दुर्घटना को अंजाम दे बैठते हैं. आम लोगों का मानना है कि बढ़ते वाहन दुर्घटनाओं के मद्देनजर गति सीमा को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग को और सख्त कदम उठाने होंगे.

कोढ़ा में हुए सड़क हादसे

प्रथम घटना 28 अप्रैल को नेशनल हाईवे 31 पथ पर महीनाथपुर के समीप गोंडा चौक निवासी दीपक कुमार की पत्नी लक्ष्मी कुमारी उम्र 25 वर्ष की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. जबकि 29 अप्रैल को महेशपुर मिर्जापुर ग्राम निवासी वकील रविदास उम्र 45 वर्ष जो अगरबत्ती बेचने का कार्य करते थे की राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पथ पर हरदा के समीप सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. दूसरी बड़ी घटना 29 अप्रैल को ही कोढ़ा थाना क्षेत्र के सीमा स्थित चेथरयापीर के निकट ट्रक और कार के बीच आमने-सामने की हुई टक्कर में फलका सालेहपुर गांव पूर्व मुखिया के दो पुत्र कार पर सवा बहाउद्दीन उर्फ पप्पू बाबू उम्र 45 वर्ष एवं मकीन उम्र 26 वर्ष की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी. नौ मई को गेड़ाबाड़ी बाजार पेट्रोल पंप के निकट एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने के कारण एक अज्ञात महिला की मौत हो गयी. तीसरी सबसे बड़ी घटना 20 मई की रात्रि करीब नौ बजे गोंदवारा समीप एक अनियंत्रित हाइवा ने सवारी से भरी ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी. जिसमें ऑटो पर सवार दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. मृतक में सीटू सिंह उम्र 27 वर्ष एवं शंभू निषाद उम्र 40 वर्ष दोनों ग्राम मदरोनी थाना रंगरा निवासी बताया जा रहा है. जबकि जख्मी शकिचन सिंह 49 वर्ष बखरी डूमर,दिनकर निषाद 22 वर्ष ग्राम, अरविंद निषाद 40, रानू निषाद उम्र 40 वर्ष, विकास निषाद उम्र 24 वर्ष शिव निषाद उम्र 49 वर्ष, बबलू मंडल सभी ग्राम मदरोनी थाना रंगरा निवासी बताया जा रहा है.

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