Bihar News: कटिहार जिले के मनसाही थाना क्षेत्र के कुरेठा पंचायत पिंडा गांव में जमीन पर कब्जा करने के विवाद में जमकर गोलीबारी हुई. तीर धनुष और लाल झंडा के साथ यहां आदिवासी समुदाय के लोग जमीन जोतने पहुंचे थे. दो पक्षों में विवाद छिड़ा तो ताबड़तोड़ फायरिंग भी शुरू हो गयी. इस गोलीबारी में बेधनाथ नामक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि 30 वर्षीय जमुना उरांव भी पेट और बाएं हाथ में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल अवस्था में पुलिस द्वारा उसे सदर अस्पताल लाया गया जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. इधर, घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जबकि घटनास्थल पर पुलिस कैंप कर रही है.
दो पक्षों में हिंसक झड़प, कई लोग जख्मी
कुरेठा पंचायत पिंडा गांव में शनिवार को 3.20 एकड़ विवादित जमीन पर कब्जा जमाने को लेकर हुए विवाद में गोलीबारी की घटना घटी है. जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है. जबकि तीर लगने से एक महिला सहित अन्य घायल हुए है. घटना की सूचना मिलते ही मनसाही थाना पुलिस व अंचल प्रशासन मौके पर पहुंचकर कैंप कर रही है.जानकारी के अनुसार, पिंडा गांव में 3 एकड़ 20 डिसमिल जमीन को अपना बताकर बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शनिवार को लाल झंडा , तीर धनुष एवं अन्य हथियार के साथ दो ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे हुए थे. दोपहर करीब 12:30 बजे आदिवासी समुदाय के लोगों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए खेत की जुताई जैसे ही शुरू की तो दोनों पक्षों में विवाद छिड़ गया.
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गोलीबारी से मची अफरा-तफरी, पुलिस कर रही गांव में कैंप
मौके पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गयी.फायरिंग शुरू होते ही आदिवासी समुदाय के लोग भी अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे. पिंडा गांव में अफरा-तफरी माहौल कायम हो गया. इस गोलीबारी में कुछ लोगों को गोली लगने की भी सूचना आ रही है. लेकिन इसकी पुष्टि पुलिस प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. वहीं तीर से भी कुछ लोगों के जख्मी होने की बात सामने आ रही है. दो ट्रैक्टरों में भी आग लगा दी गयी. इधर, घटना की सूचना मिलते ही मनसाही पुलिस व अंचल प्रशासन दलबल के साथ मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया. पुलिस किसी भी अनहोनी को टालने के लिए घटनास्थल पर कैंप कर रही है.
आदिवासियों ने कहा- उनकी है जमीन
आदिवासियों का पूर्व से कहना है कि पिंडा गांव स्थित 3 एकड़ 20 डिसमिल जमीन उन सबों की है. डीसीएलआर से उन्हें जमीन की डिग्री भी प्राप्त है. दूसरे पक्ष के लोग दबंगई कर वर्षों से हमारी जमीन की जोतबाद कर रहे हैं. इसको लेकर आदिवासियों ने पुलिस प्रशासन से लेकर जनता दरबार तक में न्याय की गुहार लगाई है.
दूसरे पक्ष का दावा- आदिवासियों की नहीं है जमीन
दूसरे पक्ष के लोगों का दावा है कि यह जमीन उन्होंने खरीद की है. जिसे जमीन की खरीद की है उनसे आदिवासियों ने सिकमी पर जमीन ली थी. जिनके नाम सिकमी थी उनकी मौत भी हो चुकी है. दूसरे पक्ष ने आरोप लगाया कि डीसीएलआर ने गलत ढंग से फैसला दिया है उसके विरोध में हम लोग डीएम के यहां फैसले के खिलाफ गए हुए हैं. जब कोर्ट में मामला है फिर आदिवासी जबरन जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं.