बलिया बेलौन प्रखंड क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति तो ठीक नजर आ रही है. ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति कागजों पर बेहतर जरूर बतायी जाती है. जमीनी हकीकत तो यही है कि संचालन यहां बहुत बेहतर प्रदर्शन वाला नहीं कह सकते हैं. वरीय अधिकारियों को अगर इसकी पड़ताल करनी हो और सुधार करने की दिली इच्छा हो तो प्रखंड क्षेत्र के सुदूर इलाकों में संचालित केंद्रों की जांच बगैर किसी को सूचना दिये करेंगे तो नजर आयेगा. संचालन कागजी घोड़ों पर कैसे बेहतर तरीके से दौड़ाया जाता है. गुरुवार को आजमनगर प्रखंड क्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया. प्रखंड क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 232 समय 11:53 बजे, केंद्र 170 समय 11:38 बजे, केंद्र संख्या 093 समय 11:19 बजे, दो आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति कहीं कम नजर आई तो कहीं आंगनबाड़ी केंद्र बिल्कुल विरान नजर आया, तो कहीं दो बच्चे केंद्र पर बैठा नजर आया. सेविका की कुर्सी खाली नजर आयी, तो कहीं पूरी तरह विरान नजर आया. आंगनबाड़ी केंद्रों की ऐसी स्थिति को देखकर स्थानीय लोगों ने कहा सीडीपीओ नये आये हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों की इस बदहाल स्थिति और गिरती बच्चों की उपस्थिति पर गंभीरता से कार्रवाई करेंगे. आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थित सरकार के तय मापदंडों के मुताबिक हो सके. आजमनगर सीडीपीओ राजेश कुमार ने दूरभाष पर बताया कि अगर इस तरह की बातें हैं, तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी. केंद्र संचालन में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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