– तेग बहादुर के चलत, भयो जगत को सोग. है है है सब जग भयो, जै जै जै सुरलोक बरारी सिखो के नौंवे गुरूनानक श्रीगुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वां महान शहीदी पर तीन दिवसीय गुरूपर्व ऐतिहासिक गुरूद्वारा भवानीपुर गुरुबाजार काढागोला साहिब में सोमवार को दिन के 11 बजे श्रीगुरू ग्रंथ साहिब जी महाराज की अखंड पाठ समाप्ति के बाद दीवान सजाया गया. गुरू घर के सेवक अरविंद सिंह बंटी को अखंड के लिए शिरोपा दिया गया. कढ़ाह प्रसाद के लिए बीवी राखी कौर व सभी प्रधान को शिरोपा सौंपा गया. कटिहार के राज्ञी जत्था भाई गुरविन्दर सिंह टविंकल ने नौंवे गुरूनानक श्रीगुरू तेग बहादुर जी महाराज की शहीदी पर प्रकाश डालते हुए गुरुवाणी से बताया कि मुगल शासन काल के शासक औरंगजेब काशमीरी पंडितों हिन्दुओं को इस्लाम धर्म परिवर्तन का कहर बरपाने लगा. मुगल के कहर से परेशान कशमीरी पंडितों ने सिखों के नौंवे गुरू तेग बहादर जी महाराज से मिलकर सारा वृतांत बताया. तब गुरुजी ने कशमीरी पंडितों को भरोसा दिलाया कि ऐसा नहीं होगा. मुगल शासक को जब गुरूजी के बारे पता चला तो औरंगजेब ने गुरुजी व उनके सेवक भाई मती दास, भाई सती दास, भाई दयाला जी के पीछे सेना को लगा दिया. उन्हें हिरासत में लेकर कई तरह की यातनाएं दी. गर्म कढ़ाई में चढ़ाया. आरा से चिराये गये लेकिन वाहिगुरु का जप करते हुए शहीद हो गये. गुरु तेग बहादुर जी महाराज की शहादत 24 नवंबर, 1675 को हुई थी. गुरू जी ने औरंगजेब के दबाव के बावजूद कश्मीरी पंडितों के जबरन धर्मांतरण का विरोध किया था. मुगल शासक ने दिल्ली के चांदनी चौक पर उन्हें शहीद कर दिया. उनकी शहादत धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उनके बलिदान के रूप में मनायी जाती है. जहां आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब दिल्ली में स्थापित है. भाई गुरजीत सिंह ने भी शब्द गायन कर संगतों को निहाल किया. हेडग्रंथी भाई सुरजीत सिंह तीन दिवसीय गुरुपर्व का समापन मानव कल्याण अरदास कर किया. कढ़ाह प्रसाद का वितरण कर गुरू का लंगर अटूट बरताया गया. तीन दिवसीय शहीदी गुरुपर्व में गुरूद्वारा प्रधान रंजीत सिंह, सरदार त्रिलोक सिंह, अमरजीत सिंह, धनेश्वर सिंह, मान सिंह, अकवाल सिंह, कमल सिंह, हुकुम सिंह, प्रतिपाल सिंह, अरजन सिंह, बलजीत सिंह, टीनकल सिंह, मंजीत सिंह, गुरूपाल सिंह, गुरूमीत सिंह, सोनू सिंह, यशवीर सिंह, भगत सिंह, स्त्री सतसंग सभा, यंग सिख सोसाईटी, गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी संगत ने गुरूपर्व को सफल बनाने में सहयोग किया.
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