– बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिये गये निर्देश कटिहार फसल अवशेष प्रबंधन एवं फसल अवशेष से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों तथा आमजनों के बीच जन जागरूकता फैलाने को लेकर जिला पदाधिकारी मनेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय कार्य समूह के सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की गयी. शनिवार को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में डीएम ने निर्देश दिया कि फसल कटनी प्रारंभ हो गयी है. विभागीय निर्देश के आलोक में संबंधित विभागों को फसल अवशेष को न जलाने के लिए जागरूकता तथा प्रचार-प्रसार से संबंधित विभागीय दायित्वों के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक में कार्य समूह के सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण करें एवं फसल अवशेष जलाने की घटना को नियंत्रित करने में रचनात्मक सहयोग प्रदान करें. डीएम ने फसल अवशेष जलाने वाले चिन्हित कृषकों पर सुसंगत धारा के तहत आवश्यक निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में वैसे कृषकों का डीबीटी आईडी ब्लॉक करते हुए विभाग की सभी योजनाओं से तीन वर्षों तक वंचित रखने संबंधी प्रावधानों की चर्चा की गयी. साथ ही ऐसे मामलों से संबंधित के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करायी जा सकती है. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक, आत्मा, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला वन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, कार्यक्रम समन्वयक, कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिहार, सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण), सहायक निदेशक (शष्य) प्रक्षेत्र उपस्थित थे. फसल अवशेष के लिए किसानों जागरूक करें डीएम ने निर्देश दिया कि जिला कृषि पदाधिकारी कृषि विभाग के कर्मियों को कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिहार के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर मास्टर द्वारा सभी किसान सलाहकार को प्रशिक्षण दिलायी जाय. किसान सलाहकार फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने तथा किसानों के बीच बृहद पैमाने पर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे. फसल अवशेष जलाने जैसी घटना की सम्पूर्ण जवाबदेही संबंधित किसान सलाहकार की होगी. कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बेलर, रोटरी मल्चर, रीपर कम बाइन्डर, रीपर, सुपर सीडर जैसी मशीनों के प्रयोग से खेतों में फसल अवशेष का प्रबंधन किया जा सकता है. इन यंत्रों पर सरकार की तरफ से 70 से 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. सभी कम्बाईन हार्वेस्टर संचालनकर्ता फसल कटाई से पूर्व संबंधित किसान से एक शपथ पत्र लेंगे कि कटाई के उपरान्त फसल अवशेष को न जलाएंगे और न ही किसी को जलाने के लिए प्रेरित करेंगे. डीएम ने अन्तर्विभागीय कार्य समूह के पदाधिकारियों को अपने-अपने अधीनस्थ पंचायत, प्रखण्ड स्तरीय कर्मी तथा रोजगार सेवक, आशा दीदी,जीविका दीदी, सेविका, टोला सेवक, किसान सलाहकार, सहायक तकनीकी प्रबन्धक, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी आदि को अपने-अपने स्तर से कृषक गोष्ठी, पत्राचार एवं अन्य माध्यम से सूचित करने का निर्देश दिया.
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