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निगम के वार्डों में खराब स्ट्रीट लाइटों की जा रही मरम्मत, असमर्थ साबित हो रहे ईईएसएल कर्मी

निगम के वार्डों में खराब स्ट्रीट लाइटों की जा रही मरम्मत, असमर्थ साबित हो रहे ईईएसएल कर्मी

– मेंटेनेंस के बाद विभाग नहीं देता है सर्टिस्फाइड कॉपी, वर्षों से मेहताना के लिए हैं परेशान – कर्मियों के समर्थन में कई पार्षदों ने जताई सहमति, कहा बोर्ड की बैठक में उठाया जायेगा मुद्दा कटिहार नगर निगम के सभी 45 वार्ड में स्ट्रीट लाइट की मरम्मत के लिए ईईएसएल एजेंसी काे जिम्मेवारी दी गयी है. इसके लिए एजेंसी की ओर से कर्मियों को रखकर लाइट मेंटनेंस का कार्य किया जा रहा है. लेकिन पिछले साल छह माह से निगम के अधिकांश वार्ड की स्ट्रीट लाइट खराब है. मेंटनेंस के लिए रखे गये कर्मी इसकी मरम्मत करने में अपने आपको असमर्थय साबित हो रहे हैं. ऐसा एजेंसी की ओर से रखे गये कर्मी का कहना है. मेंटनेंस के लिए रखे गये कर्मी विकास कुमार यादव का कहना है कि निगम के सभी 45 वार्ड की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट का मेंटनेस समय पर कर दिये जाने के बाद भी निगम की ओर उन्हें सटिस्फाइड कॉपी नहीं दी जा रही है. इसके लिए कभी कोडिनेटर तो कभी पदाधिकारियों के टेबुल दर टेबुल चक्कर लगाने की नौबत आ जाती है. जिसका नतीजा है कि उनलोगों का वेतन एजेंसी की ओर से नहीं दी जा रही है. ऐसे में अब वे लोग निगम अंतर्गत सभी वार्ड में लगाये गये स्ट्रीट लाइट मेंटनेंस करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं. उनका व उनके कर्मियों का कहना है कि निगम के सभी 45 वार्ड में दो से तीन स्ट्रीट लाइट खराब हैं. कहीं बदलना है तो कहीं मरम्मत करना है. बिना सटिस्फाइड कॉपी के एजेंसी द्वारा उनलोगों का वेतन अवरूद्ध कर दिया गया है. कर्मियों की परेशानी को देखते हुए कई पार्षदों ने उनका समर्थन किया है. एक साल से मेंटनेंस सटिस्फाइड कॉपी को लम्बित रखना गंभीर विषय है. वार्ड नम्बर तीस के पार्षद नितेश सिंह निक्कू ने बताया कि उनके वार्ड में भी कई स्ट्रीट लाइट खराब है. मेंटनेंस के लिए बार बार बोला जाता है. लेकिन कर्मी द्वारा कार्य करने के बाद सटिस्फाइड कॉपी नहीं मिलने के कारण इनका वेतन पर रोक बड़ा मसला है. उन्होंने बताया कि इस मामले को 9 जून को होने वाली बोर्ड की बैठक में उठाया जायेगा. हर वार्ड में दो से तीन स्ट्रीट लाइट है बंद वार्ड के लोगों की माने तो हर वार्ड में दो से तीन लाइट बंद है. जिसके कारण शाम होते ही मोहल्ले की गलियों में अंधेरा कायम हो जाता है. मोहल्ले की सड़कों पर बड़ा बड़ा ब्रेकर रहने के कारण अंधेरे में गिर पड़कर घायल होना आम बात हो गयी है. पार्षदों को शिकायत के बाद आज नहीं कल कल नहीं परसो, आज बंद है. सूचना दिया गया है कहकर बात को टाल दिया जाता है. अधिकांश वार्ड की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट का स्वीच खराब है या है ही नहीं. जिसके कारण चौबीस घंटे जलते रहने के कारण भी लाइट खराब हो रही है. मेयर के आदेश का नहीं हो रहा पालन करीब छह माह पूर्व बैठक् के दौरान मेयर उषा देवी अग्रवाल द्वारा सड़क पर जल रही स्ट्रीट लाइट को बंद करने के लिए सम्बंधित वार्ड के जमादार को दी गयी थी. कुछ दिनों तक यह कार्य भली भांति किया गया. समय बीतने के साथ आदेश की जैसी तैसी कर दिया गया. जिसका नतीजा है कि सड़कों पर लगायी गयी कई स्ट्रीट लाइट चौबीस घंटे जलते रहता है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. जरूरत है इसे गंभीरता से लेते इस ओर उचित कदम उठाने की.

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