– दूसरे किसानों के लिए बने हैं प्रेरणा श्रोत मनोज कुमार, अमदाबाद गेंदा फूल की खेत में बंधा गोभी की मिश्रित खेती कर अमदाबाद प्रखंड के बलरामपुर गांव के छबिलाल मंडल अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रहे हैं. परिवार के भरण पोषण के साथ-साथ दो बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी चल रही है. फूल केवल सजावट के लिए ही नहीं, जहां अपनी खुशबू से लोगों का मन मोह लेती है. गेंदा फूल की खेती से जहां रोजगार का साधन है. तो दूसरी तरफ अकेलेपन भी दूर कर देती है. बलरामपुर गांव के 64 वर्षीय छबिलाल मंडल करीब चार वर्षों से गेंदा फूल की खेती कर अपनी जीविका चला रहे हैं. किसान छबिलाल मंडल अपने 10 कट्ठा जमीन में रंग-बिरंगे गेंदा फूल के साथ-साथ बंधा गोभी का मिश्रित खेती किये है. साथ ही कई तरह के धतूरे की पौधे भी लगाए हैं. जो सादा एवं दुर्लभ बैगनी रंग के धतूरे की फूल भी लहलहा रहा है. छबिलाल मंडल दिनभर पौधों की देखभाल करते हैं. कहते हैं किसान छबि लाल किान छबिलाल मंडल ने बताया कि उनकी पत्नी की मृत्यु करीब पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है. पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद वह अकेलापन महसूस करते थे. उन्होंने अकेलेपन को दूर करने के लिए गेंदा फूल की खेती की. अकेलापन दूर करने साथ-साथ गेंदा फूल से अच्छी खासी आमदनी होने लगी. उन्होंने बताया कि 10 कट्ठा जमीन में गेंदा फूल की खेती करते हैं. अच्छी क्वालिटी की फूल हो इसके लिए दिल्ली से बीज लाते हैं. उन्होंने बताया कि गेंदा फूल की 10 कट्ठा जमीन में खेती करने में करीब 7 से 8 हजार रुपये खर्च होता है. खर्च काट कर उन्हें 35 से 40 हजार का मुनाफा हो जाता है. उन्होंने बताया कि गेंदा फूल की पौधा लगाने के बाद 60 से 90 दिनों के भीतर फूल खिल जाता है. गेंदा फूल की पौधा सितंबर माह में लगाते हैं. नंबर से लेकर मार्च महीने तक करीब 4 से 5 माह तक फूलों का फलन होता है. अपने फूलों को लेकर शहर तक नहीं ले जा पाते हैं. ऐसे में फूलों को तोड़कर घूम-घूम कर गांव में ही बेच लेते हैं. विभिन्न मंदिरों एवं घरों में पूजा अर्चना करने वाले लोग फूलों की मांग करते हैं. शादी के मौसम में फूलों की डिमांड काफी बढ़ जाता है. कई बार खेत पर भी आकर लोग फूल ले जाते हैं. बताया कि तीन सौ से लेकर आठ सौ रुपये तक प्रति किलो बिकता है. उन्होंने बताया कि चार वर्षों से इस खेती को कर रहे हैं. इस वर्ष गेंदा फूल के खेत में बंधा गोभी का पौधा लगाया गया है. बंधा गोभी भी अब तैयार हो गया है. इससे अच्छी आमदनी होने की संभावना है. आर्थिक उपार्जन के साथ-साथ दिनभर मन भी लगा रहता है. फूलों की खुशबू से ताजगी बनी रहती है. इसके आमदनी से दो बच्चों की पढ़ाई लिखाई करवा रहे हैं. कुछ धतूरे की पौधे लगाए हैं, जो सादा एवं दुर्लभ बैगनी रंग के धतूरे की फूल होता है. छबिलाल मंडल ने बताया की पत्नी की मृत्यु के बाद अकेलापन महसूस होता था. गेंदा फूल की खेती में व्यस्त रहने के साथ-साथ अकेलेपन भी खत्म हो जाता है.
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