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बच्चा बेच रहे दंपती व बच्चे को कुपोषण केंद्र में मिली जगह

डीएम के निर्देश पर हुई पहल पति को नगर निगम में दिलाया गया काम कटिहार : दो माह के नवजात को बेचने के प्रयास के मामले में जिला प्रशासन व बाल कल्याण समिति के प्रयास से नवजात का सदर अस्पताल स्थित कुपोषण केंद्र में इलाज चल रहा है. इसके साथ ही नवजात के माता-पिता का […]

डीएम के निर्देश पर हुई पहल

पति को नगर निगम में दिलाया गया काम
कटिहार : दो माह के नवजात को बेचने के प्रयास के मामले में जिला प्रशासन व बाल कल्याण समिति के प्रयास से नवजात का सदर अस्पताल स्थित कुपोषण केंद्र में इलाज चल रहा है. इसके साथ ही नवजात के माता-पिता का फिलहाल भरण पोषण भी केंद्र में ही हो रहा है. चूंकि केंद्र में रात के समय पुरुष के ठहरने की व्यवस्था नहीं है. इसलिए बच्चे के पिता सुरेश मल्लिक रात में अन्यत्र ठहरने चले जाता है. सुबह वह फिर कुपोषण केंद्र पहुंच जाता है.
इधर जिला प्रशासन ने सुरेश मल्लिक को निगम में काम पर लगा दिया है, ताकि उसे आर्थिक रूप से मदद मिल सके और वह अपने तथा अपने बच्चों को जीविकाेपार्जन कर सके. सनद हो कि दो मई को डंडखोरा प्रखंड निवासी सुरेश मल्लिक अपनी पत्नी गुंजा व चार पुत्र के साथ कटिहार ड्राइवर टोला संग्राम चौक पर अपने दो नवजात में से एक को बेचने का प्रयास कर रहा था.
बच्चा बेचने की सूचना पर नगर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदू संग्राम चौक पहुंचे तथा दंपती को उसके बच्चे के साथ नगर थाना लेकर आ गये. नगर थाना पुलिस ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दी. समिति के पदाधिकारी ने दोनों नवजात को सदर अस्पताल स्थिति कुपोषण केंद्र में भरती कराया तथा अन्य दो बच्चे व उसके माता पिता को भी कुपोषण केंद्र में तब तक रहने की अनुमति दी गयी, जब तक बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं हो जाता है या पति-पत्नी को राज्य सरकार की ओर से जीवन यापन करने को लेकर कोई भत्ता या फिर कहीं काम नहीं मिल जाता है. इधर जिला प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए पिता को निगम कार्यालय में काम पर लगा दिया है.
मां के साथ पुत्र व पुत्री थे खुश: जो एक एक दाने का मोहताज हो और उसे समय पर नाश्ता, खाना व रात के खाने के अलावे अन्य पौष्टिक आहार मिल रहा है तो उसके लिए इससे अच्छी क्या बात होगी. कल तक जो मां अपने कलेजे के टुकड़े को आर्थिक तंगी के कारण तथा उसका भरण पोषण नहीं करने के कारण बेचने के प्रयास में थी. सोमवार को वही मां अपने दोनों बच्चे के साथ कुपोषण केंद्र में खाना खा रही थी. मां व बच्चे काफी खुश थे. बच्चों को समय पर भोजन मिल रहा था.
नवजात राम व लक्ष्मण का इलाज हो रहा था कुपोषण केंद्र में: इधर दोनों नवजात जिसे दंपती बेचने की फिराक में थे, उनका इलाज कुपोषण केंद्र में हो रहा था. कुपोषण केंद्र में दोनों बच्चे दोपहर में सो रहे थे. नवजात के शरीर के विकास तथा उसके शरीर में विटामिन की कमी को दवाई के माध्यम से पूरा किया जा रहा था तथा उसे मल्टी विटामिन सहित अन्य प्रोटीन मेडिसिन पेय पदार्थ के रूप में दिया जा रहा था. हायर एंटीबाइटिक सहित अन्य रोग से ग्रसित बीमारी को भी दूर करने की दवा उक्त कुपोषण केंद्र में दी जा रही थी.
कहते हैं चिकित्सक: चिकित्सक डॉ डीएन राय ने बताया कि नवजात को सही रूप से खाद्य व पेय पदार्थ नहीं मिल पाने के कारण वह कुपोषण का शिकार हो गया है. पहले उसे भरपूर मात्रा में विटामिन व प्रोटीन दिया जायेगा, जिससे उसकी कुपोषिता समाप्त होगी. इसके बाद उसका ब्लड सेंपल लेकर जांच होगा कि इसे अन्य कोई बीमारी तो नहीं है. इसके बाद उसकी उस बीमारी का इलाज किया जायेगा.

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