सदर अस्पताल में हुई मानवता को शर्मसार कर देनेवाली घटना
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नहीं मिला एंबुलेंस, पोस्टमार्टम के लिए शव के साथ भटकते रहे
सदर अस्पताल में हुई मानवता को शर्मसार कर देनेवाली घटना कुरसेला के युवक की 14 दिन पूर्व गंगा में डूबने से हो गयी थी मौत ग्रामीणों ने निकाला था शव पोस्टमार्टम के लिए लाया था कटिहार : सदर अस्पताल में एक बार फिर सिस्टम की लाचारगी सोमवार को देखने को मिली. 14 दिन पहले कुरसेला […]
कुरसेला के युवक की 14 दिन पूर्व गंगा में डूबने से हो गयी थी मौत
ग्रामीणों ने निकाला था शव पोस्टमार्टम के लिए लाया था
कटिहार : सदर अस्पताल में एक बार फिर सिस्टम की लाचारगी सोमवार को देखने को मिली. 14 दिन पहले कुरसेला के एक युवक की डूबने से मौत हो गयी थी, लेकिन उसका शव नहीं मिला था. रविवार को शव मिलने के बाद परिजन शाम चार बजे उसका पोस्टमार्टम कराने जब सदर अस्पताल पहुंचे, तो लेट बहाना बना कर पोस्टमार्टम नहीं किया गया. अगले दिन सोमवार की शाम को डॉक्टर ने शव की स्थिति व उसके दुर्गंध से पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया. डॉक्टर ने मृतक के परिजनों से कहा कि
शव का नहीं…
शव का पेट फट जाने के कारण उसका पोस्टमार्टम यहां संभव नहीं है. उसे भागलपुर लेकर जायें. जब परिजन युवक के शव को भागलपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस ढूंढ़ने लगे, तो कोई भी एंबुलेंस चालक शव को भागलपुर ले जाने को तैयार नहीं हुआ और न ही अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में मृतक के परिजनों की मदद की. इसके बाद परिजन किसी प्रकार उक्त शव को प्लास्टिक व बांस के सहारे सदर अस्पताल से बाहर लेकर गये और शाम को ऑटो से लेकर मिरचाईबाड़ी तक गये. हालांकि बाद में जब एसडीओ सुभाष नारायण को इसकी सूचना मिली, तो उनके निर्देश व सीएस की पहल पर देर शाम को एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया.
सड़ चुका था शव, भागलपुर ले जाने काे कहा : बालू टोला निवासी सिंटू साह की मौत कुरसेला गंगा नदी के खेरिया घाट में डूबने से हो गयी थी. 14 दिन बाद उसके शव को ग्रामीणों ने नदी की जलधारा से बरामद किया था. घटना के बाबत स्थानीय थानाें में प्राथमिकी दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. चौदह दिन पानी में रहने के कारण शव पूरी तरह से सड़-गल चुका था. इस कारण कटिहार लाने के दौरान उसका पेट भी फट गया था. जब शव को सदर अस्पताल लाया गया,
तो शव की स्थिति को देख चिकित्सक ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया. इस बात को लेकर जब परिजन अस्पताल प्रबंधक से मिले, तो उन्होंने कहा कि शव की स्थिति के कारण उसका पोस्टमार्टम यहां संभव नहीं है और उसे भागलपुर रेफर कर दिया. 24 घंटे बाद सोमवार की शाम चिकित्सक ने पोस्टमार्टम करने से पुन: इनकार कर दिया. तब मृत युवक के परिजन शव को भागलपुर ले जाने लगे. पर, न तो उन्हें सरकारी एंबुलेंस ही मुहैया कराया गया और न ही निजी एंबुलेंस वाले शव को भागलपुर ले जाने को राजी हुए. बता दें कि रविवार की शाम में ही शव को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था. सोमवार को पूरे दिन अस्पताल में परिजन एंबुलेंस के लिए भटकते रहे.
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं ली सुधि : परिजनों का कहना था कि जब शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में नहीं करना था, तो रविवार को ही भागलपुर रेफर क्यों नहीं किया गया. 24 घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग ने उसे भागलपुर क्यों रेफर किया. आखिर बिना एंबुलेंस व किसी वाहन के वे लोग शव किस प्रकार भागलपुर ले जाते. यह बात एक बार भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नहीं सोची.
मामला संज्ञान में आते ही शव को भागलपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करा दी गयी थी.
एसएन झा, सीएस
एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण कुछ इस तरह शव ले जाने को मजबूर हुए परिजन.
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