हालात . िजले में बिजली के लटकते तार बने हैं लोगों की जान के दुश्मन
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राजस्व उगाही में अव्वल, सुविधा में फिसड्डी
हालात . िजले में बिजली के लटकते तार बने हैं लोगों की जान के दुश्मन ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के मामले में फिसड्डी साबित हुआ कटिहार एक हजार से भी ज्यादा गांवों में अब तक नहीं पहुंची बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के मामले में कटिहार जिला फिसड्डी साबित हुआ है. आंकड़ों के […]
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के मामले में फिसड्डी साबित हुआ कटिहार
एक हजार से भी ज्यादा गांवों में अब तक नहीं पहुंची बिजली
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के मामले में कटिहार जिला फिसड्डी साबित हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक िजले के एक हजार से ज्यादा गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है.
कटिहार : जिले में बिजली की लटकते तार किसी भी वक्त हादसे को निमंत्रण दे सकते हैं. इसे विद्युत विभाग की लापरवाही ही कहेंगे कि करोड़ों खर्चने के बावजूद आज तक जिले में बिजली के तारों को दुरुस्त नहीं कराया जा सका है. विभाग की लापरवाही के कारण कोई घायल हुआ, तो किसी की जान चली गयी,
लेकिन विद्युत विभाग के आला अधिकारी इस दिशा में ठोस पहल नहीं कर रहे. राजस्व देने में अव्वल रहने वाले कटिहार जिले की जब ऐसी स्थिति है, तो सूबे में अन्य जिलों का क्या हाल होगा. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के मामले में कटिहार जिला फिसड्डी साबित हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक जिले के एक हजार से भी ज्यादा गांवों में अब तक बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गयी है.
कहते हैं पदाधिकारी
इस बाबत अरविंद कुमार, इलेक्ट्रिकल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (प्रोजेक्ट) ने बताया कि जिले के 1442 गांवों में विद्युतीकरण कार्य किया जाना है. इसमें से इनर्गो कंपनी द्वारा 970 गांवों में से 450 गांवों में विद्युतीकरण कार्य किया जा रहा है. अब तक 322 गांवों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है. शेष काम के लिए दूसरी कंपनी को टेंडर दिया जायेगा और 193 करोड़ की लागत से शेष कार्य को पूरा किया जायेगा. शहरी क्षेत्र के बारे श्री कुमार कहते हैं कि कुछेक जगहों से आ रही शिकायतों के मद्देनजर जल्द ही गली मोहल्लों में जर्जर तार को हटा कर केबल बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
केस स्टडी-01
जिलान्तर्गत बरारी प्रखंड के लक्ष्मीपुर पंचायत के बड़ी भैंसदीरा जीडी रोड चौक पर सब्जी बेच रहे एक गरीब परिवार के ऊपर उस वक्त आफत टूट पड़ी, जब 11 हजार बोल्ट का विद्युत प्रवाहित तार गिर गया और वे इसकी चपेट में आ गये. इस हादसे में परिवार के दो लोग गंभीर रूप से झुलस गये थे. इसमें राजकुमार साह की रेफरल अस्पताल ले जाने क्रम में मौत हो गयी थी, जबकि संतोष कुमार चौधरी को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था. आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने इसको लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था. पुलिस ने काढ़ागोला जीडी रोड से पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाम हटाया था.
केस स्टडी-02
जिले के रौतारा क्षेत्र के राजवाड़ा गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत 11000 वोल्ट के टूटे तार की चपेट में आ जाने से हो गयी थी. गांव के लक्ष्मण राम, विनोद राम, रंजीत राम धान के खेत में काम करने गये थे. खेत से होकर वे गुजर रहे थे कि इसी क्रम में 11000 वोल्ट का तार जो पहले से ही खेत में टूट कर गिरा हुआ था की चपेट में आ गये और उनकी मौत हो गयी. हादसे को लेकर हाजी कलीमुद्दीन चौक पर काफी बवाल हुआ था.
केस स्टडी-03
हसनगंज प्रखंड के भतुरिया गांव निवासी मनोज महतो खेत में लटकते तार की चपेट में आ कर गंभीर रूप से झुलस गये थे. यहां भी ग्रामीणों ने विद्युत विभाग की लापरवाही की पोल खोली थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए स्थानीय विधायक ने भी पत्र प्रेषित कर विद्युत विभाग के आलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद बिजली के तार बदलने और सुरक्षित ऊंचाई पर रखने के साथ साथ घायल मनोज महतो को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की थी.
केस स्टडी-04
शहरी क्षेत्र के मारवाड़ी पाठशाला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने से लाल बाबा मंदिर तक जाने वाली सड़क के बीचों-बीच विद्युत तार की चपेट में आ जाने से पटसन से लदे ट्रैक्टर में आग लग गयी थी. इसमें लाखों का पटसन बरबाद हो गया था. हालांकि जान-माल की क्षति नहीं हुई थी.
ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन विद्युत विभाग के पदाधिकारी इन तमाम बातों से कोई इत्तेफाक नहीं रखते. तभी तो आये दिन जिले के विभिन्न हिस्सों में बिजली की लटकती तारों से हादसे होते हैं और आनन फानन में विभागीय पदाधिकारी आश्वासन परोस चुप बैठ जाते हैं. निगम क्षेत्र के रामसभा से रानीघाट तक बिजली का तार जमीन से महज 06 फीट की दूरी पर लटक रहा है.
इसके अलावा श्यामा टॉकिज गली, बाटा चौक, शहीद चौक, न्यू मार्केट, शिव मंदिर चौक में तो बिजली तार का मकड़जाल बना हुआ है. इसे आजतक दुरुस्त नहीं किया गया है. लोगों का कहना है कि शहर के कई हिस्सों में पुराने बिजली के तार नहीं बदले गये हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी राजीव गांधी विद्युतीकरण को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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