समस्या . सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने से लोगों को होती है परेशानी
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शौच की सोच से सिहर उठते हैं लोग
समस्या . सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने से लोगों को होती है परेशानी शहर में सार्वजनिक शौचालय के अभाव में कभी कभार तो लोग किसी कोने में पड़े कचरे के अंबार को भी तलाशते हैं, ताकि जल्द से जल्द ‘फील गुड’ महसूस हो सके. कटिहार : यकीन मानिये…यदि आप अपने परिवार के साथ बाजार करने निकले […]
शहर में सार्वजनिक शौचालय के अभाव में कभी कभार तो लोग किसी कोने में पड़े कचरे के अंबार को भी तलाशते हैं, ताकि जल्द से जल्द ‘फील गुड’ महसूस हो सके.
कटिहार : यकीन मानिये…यदि आप अपने परिवार के साथ बाजार करने निकले हैं और अचानक बाजार में आपको शौचालय जाने की अनुभूति हो, तो कुछ पल के लिए आपके पसीने छूटने लगेंगे. आपको शौच निवृत्ति के लिए इधर-उधर भटकना पड़ सकता है बंगले झांकने पड़ सकते हैं और तो और कभी-कभार दीवारों का सहारा भी लेना पड़ सकता है. कुछ ऐसा ही हाल है शहर का.
शहर के गली मोहल्लों में सार्वजनिक शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बाजारों में तो स्थिति और भी दयनीय हो जाती है,
जब लोगों को शौच करने की इच्छा होती है. लोग जुगाड़ तंत्र का सहारा लेने लगते हैं. दीवारों को ही पाटना शुरू कर देते हैं कभी कभार तो किसी कोने में पड़े कचरे के अंबार को भी तलाशा जाता है ताकि जल्द से जल्द ‘फील गुड’ महसूस हो सके. त्योहारी मौसम में तो स्थिति बेहद खराब हो जाती है. बाजार भीड़ से पटा होता है. शौच आने की स्थिति में लोग न तो बंगले झांक सकते हैं और न ही किसी कोने का सहारा ले सकते हैं. भीड़ होने की वजह से हर तरफ लोगों का रैला उमड़ा रहता है. ऐसे लोग नगर निगम की करतूतों को कोसते हैं और सार्वजनिक शौचालय नहीं होने का खामियाजा भुगतते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हरेक वार्ड में कम से कम एक सार्वजनिक शौचालय अवश्य होना चाहिये ताकि कुछ राहत मिल सके और स्वस्थ व स्वच्छ समाज की परिकल्पना की जा सके.
जर्जर हालत में है सार्वजनिक शौचालय
शहर के जिन क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालय है वहां रखरखाव का अभाव है. बदबू और सड़ांध के कारण लोग ऐसे शौचालय और यूरिनल को इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते. पुराना बस स्टैंड, कोर्ट परिसर समेत अन्य जगहों पर मौजूद शौचालय की कमोबेश यही स्थिति है. सड़ांध के कारण लोग वहां से गुजरना तक पसंद नहीं करते हैं. समाहरणालय परिसर में सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना लोगों के लिये किसी मुसीबत से कम नहीं. दिनभर में हजारों की तादाद में लोग यहां आते हैं लेकिन शौचालय नहीं होने के कारण बाहर दीवारों और सड़क किनारे नालों को ही पाटना शुरू कर देते हैं. हालांकि रेलवे परिसर में मौजूद शौचालय की स्थिति बेहद अच्छी कही जा सकती है. जहां प्रतिदिन हजारों की तादाद में लोग आते हैं और शौच के नाम से सिहरते नहीं बल्कि शौचालय का इस्तेमाल करते हैं.
बाजार में नहीं सार्वजनिक शौचालय
जल्द मिलेगी राहत : सिटी मैनेजर
इस बाबत नगर निगम के सिटी मैनेजर कृष्ण दयाल का कहना है कि फरवरी माह में निगम पदाधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें सर्वसम्मति से निगम क्षेत्र के चार वार्डों में सार्वजनिक शौचालय बनाये जाने पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थान चिन्हित कर सार्वजनिक शौचालय निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी जायेगी.
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