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चिकित्सकों से उलझे तो पड़ेगा महंगा सख्ती . प्रधान सचिव ने जारी किया निर्देश

पीएमसीएच के जूनियर डाॅक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीएम व एसपी को निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा है चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा तथा राज्य के चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर तत्काल कार्रवाई करें. ताकि चिकित्सकों की […]

पीएमसीएच के जूनियर डाॅक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीएम व एसपी को निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा है चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा तथा राज्य के चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर तत्काल कार्रवाई करें. ताकि चिकित्सकों की हड़ताल से लोगों को होने वाली परेशानियों से बचा जा सके.

कटिहार : चिकित्सा सेवा से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा व मारपीट तथा राज्य के चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अब महंगा पड़ सकता है. पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में कार्यरत जूनियर डाॅक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सभी डीएम व एसपी को दिशा निर्देश भेजते हुए इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.
विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने विभागीय पत्र भेज कर डीएम और एसपी को इस आशय से संबंधित निर्देश दिया है. प्रधान सचिव ने कहा है कि चिकित्सा सेवा संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा तथा राज्य के चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं लगातार हो रही हैं. इसकी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप राज्य के चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्ति कार्य बहिष्कार व हड़ताल पर चले जाते हैं.
इससे चिकित्सा सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राज्य के लोगों को निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ चिकित्सा सेवा से जुड़े व्यक्तियों एवं संपत्तियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में है. इसलिए निर्देश का अनुपालन कराएं.
दोषी के विरुद्ध करें कारवाई
बिहार चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्ति के नुकसान के निवारण को लेकर दोषी व्यक्ति के विरुद्ध उक्त अधिनियम के आलोक में कार्रवाई करने का आदेश प्रधान सचिव ने डीएम को दिया है. साथ ही प्रधान सचिव ने यह भी कहा है कि भारतीय दंड संहिता के सुसंगत प्रावधानों के साथ बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सेवा सुरक्षा अधिनियम 2011 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत हिंसा करने वाले व चिकित्सा संस्थान की संपत्ति को नुकसान करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए त्वरित गति से अनुसंधान करायें. शीघ्र अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित करायें.
50 हजार जुर्माना व तीन वर्ष की कैद
ऐसे कृत संज्ञेय अपराध व गैर जमानती
प्रधान सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार द्वारा बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम 2011 पूर्व से गठित है. इसके प्रावधान के अनुसार, चिकित्सा सेवा व्यक्ति एवं चिकित्सा सेवा संस्थान के विरुद्ध किये गये हिंसा या प्रयास, हिंसा करने का दुष्प्रेरित करना आदि के लिए अधिकतम तीन वर्षों के कारावास की सजा व अधिकतम 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान सहित भारतीय दंड संहिता के अधीन कार्रवाई का प्रावधान है. इस अधिनियम में ऐसे कृत को संज्ञेय अपराध एवं गैर जमानती माना है.

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