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आमद जुटाने में नाकाम रहा वाइमैक्स

कटिहार : बीएसएनएल के ढीले रुख की वजह से कोसी और सीमांचल के लोग न्यूनतम समय में बिना किसी वायर के डाटा ट्रांसफर की सबसे गतिमान सेवा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. कभी इंस्टालेशन की समस्या, तो कभी मॉडम उपलब्ध नहीं होने की बात कह निगम पदाधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. इस […]

कटिहार : बीएसएनएल के ढीले रुख की वजह से कोसी और सीमांचल के लोग न्यूनतम समय में बिना किसी वायर के डाटा ट्रांसफर की सबसे गतिमान सेवा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. कभी इंस्टालेशन की समस्या, तो कभी मॉडम उपलब्ध नहीं होने की बात कह निगम पदाधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. इस कारण फास्ट ब्राॅडबैंड सेवा, डाटा कार्ड, थ्री जी सरीखे संचार निगम व निजी आॅपरेटर्स के अन्य विकल्प उपभोक्ता के दिमाग में घर कर गये.

करोड़ाें किये गये खर्च
वाइमैक्स सेवा उपलब्ध कराने के लिए कोसी और सीमांचल इलाके में करोड़ों खर्च करने के बाद सहरसा एसएसए के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में महज 24, जबकि कटिहार एसएसए के कटिहार, पूर्णिया और अररिया में 40 वाइमैक्स बीटीएस इंस्टॉल किये गये. पर, लचर कार्यप्रणाली की वजह से पूरा नेटवर्क महज शो-पीस बनकर रह गया है.
फिलवक्त सहरसा एसएसए अंतर्गत 250, जबकि कटिहार एसएसए अंतर्गत करीब 4000 वाइमैक्स यूजर्स हैं. सीमांचल में तो स्थिति पहले के मुकाबले काफी सुधरी है, लेकिन कोसी प्रमंडल की बात करें, तो कनेक्शन लेने वाले ये उपभोक्ता भी इसका इस्तेमाल नाम मात्र ही कर रहे हैं और संचार निगम अपेक्षित आमद भी नहीं जुटा पा रहा है. इसके कारण बीटीएस को संचालित करने में आने वाला खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.
वाइमैक्स की खूबियां
इसमें यूजर्स को ब्राॅडबैंड एक्सेस के लिए 256 केबीपीएस से लेकर 08 एमबीपीएस तक की स्पीड मिलती है. मसलन अच्छी स्पीड पर ब्राउजिंग का लाभ भी. इसको कहीं भी बिना वायर के इस्तेमाल कर सकते हैं.
अलग से कनेक्शन या लाइन की जरूरत नहीं
अपने कस्टमर प्रीमाइज इक्विपमेंट के साथ घर या दफ्तर में कहीं भी घूमते हुए इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं. अलग से फोन कनेक्शन या लाइन की जरूरत नहीं होती है. वाई फाई से तेज व व्यापक कवरेज उपलब्ध कराता है. लिहाजा, बाढ़ प्रभावित कोसी और सीमांचल क्षेत्र में जहां केबल कट होने के कारण अक्सर लिंक फेल होने की समस्या आड़े आती है, वहां वाइमैक्स जैसी वायरलेस सेवाएं क्षेत्र के लोगों के लिए राहत देने वाली साबित हो सकती हैं.
सीमांचल व कोसी में धीमी पड़ी रफ्तार
सूत्रों की मानें तो 64 करोड़ खर्च कर पूरे सूबे में 512 वाइमैक्स बीटीएस इंस्टाल किये जाने की योजना है. वहीं कोसी क्षेत्र में कुल 24 टावर्स के सहारे सहरसा, सुपौल व मधेपुरा में वाईमैक्स की सेवाएं दी जा रही हैं, जबकि सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया और अररिया में 40 वाइमैक्स बीटीएस इंस्टॉल किये गये हैं. बता दें कि निगम अधिकारियों की लचर व्यवस्था व कर्मियों के अभाव के कारण दो वित्तीय वर्ष में सहरसा एसएसए के अंतर्गत महज 250 वाइमैक्स उपभोक्ता ही जोड़े जा सके हैं, जबकि लक्ष्य 1600 उपभोक्ताओं को जोड़ने का निर्धारित किया गया है.
लापरवाही की वजह से सूबे में वाइमैक्स की रफ्तार तेज नहीं हो पायी है, जबकि सीमांचल में डिमांड अधिक होने और निगम द्वारा जागरूकता अभियान चलाये जाने के कारण उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है. इस बाबत बीके सिंह, टीडीएम, सहरसा एसएसए कहते हैं कि वाइमैक्स बीटीएस मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी द्वारा सप्लाई ठप है.
जो पहले से सहरसा एसएसए में बीटीएस मौजूद है, उन्हें ही इंस्टाल कर सेवाएं दी जा रही हैं. सप्लाई होने के बाद ही वाइमैक्स सेवा का विस्तार किया जायेगा.
बाढ़ प्रभावित कोसी व सीमांचल क्षेत्र में जहां केबल कट होने के कारण अक्सर लिंक फेल होने की समस्या आड़े आती है, वहीं वाइमैक्स जैसी वायरलेस सेवाएं बेशक क्षेत्र के लोगों के लिए राहत देने वाली साबित हो सकती हैं.
कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में 24, तो सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया और अररिया में 40 वाइमैक्स बीटीएस इंस्टॉल किये गये
जल्द ही दूर कर ली जायेंगी समस्याएं
पहले के मुकाबले सीमांचल में वाइमैक्स उपभोक्ताओं की संख्या में इजाफा हुआ है. निगम द्वारा समय समय पर जागरूकता अभियान चलाने का नतीजा है कि कटिहार एसएसए पूरे बिहार परिमंडल में सेवा देने में प्रथम आया है. उन्होंने माना कि मॉडम उपलब्ध नहीं होने का खामियाजा निगम और उनके उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. जल्द ही इन तमाम समस्याओं का निराकरण कर लिया जायेगा.
मनीष कुमार, जीएमटीडी, कटिहार एसएसए

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