केंद्र में फिलहाल छह मरीजों का किया जा रहा है इलाज
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नशामुक्ति केंद्र से 17 स्वस्थ हो लौट चुके
केंद्र में फिलहाल छह मरीजों का किया जा रहा है इलाज कटिहार : सदर अस्पताल परिसर में स्थित नशामुक्ति केंद्र में अब मरीजों की स्थिति में काफी सुधार हो रहा है. बीते शनिवार को सीएस की पहल पर एक मरीज को भरती कराया गया, जिसकी हालत में रविवार को सुधार दिख रहा था. फिलहाल छह […]
कटिहार : सदर अस्पताल परिसर में स्थित नशामुक्ति केंद्र में अब मरीजों की स्थिति में काफी सुधार हो रहा है. बीते शनिवार को सीएस की पहल पर एक मरीज को भरती कराया गया, जिसकी हालत में रविवार को सुधार दिख रहा था. फिलहाल छह मरीजों का इलाज नशा मुक्ति केंद्र में हो रहा है. राज्य सरकार के निर्देश पर सूबे में पूर्ण रूप से शराब बंद कर दिया गया. इस कारण आदतन शराबियों की स्थिति बिगड़ने लगी. राज्य सरकार में आदतन शराबी के स्वास्थ्य के लिए पूर्ण ही नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना कर दी गयी थी. ताकि आदतन शराबी का सही समय पर इलाज हो सके और उसकी जान बचायी जा सकें.
जिसमें सरकार को सफलता भी हाथ लगी. आदतन शराबी जो भी इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचते उसके इलाज में चिकित्सकों की टीम लग जाती थी. इससे आदतन शराबी शीघ्र ही स्वस्थ होकर शराब की लत से निजात पाकर घर जाने लगे. शराब पर छूट थी, तो लोग शराब के नशे में धुत रहते थे. आदतन शराबी अपनी गाढ़ी कमाई को शराब में ही उड़ा दिया करते थे. . आदतन शराबी नशे में चूर होकर सारी कमाई शराब की घूंट के साथ पीकर घर पहुंचते थे. इस कारण उनके घर में परिजन एक दो वक्त की रोटी को तरस जाते थे. आदतन शराबी कब इनसान से हैवान बन जाता वह खुद भी नहीं जान पाता. घर में कलह व झगड़ा आम बात सी हो गयी थी. राज्य सरकार के निर्देश पर सूबे के सभी जिलों में एक-एक नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गयी. कटिहार के सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखकर सीएस एसएन झा के निर्देश पर सदर अस्पताल परिसर स्थित रैन बसेरा में भी 11 अतिरिक्त बेड लगा दिये गये थे, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो.
अब तक 23 मरीजों का हुआ इलाज
नशा मुक्ति केंद्र में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी बी के गोपालका व चिकित्सक डॉ तनवीर हैदन ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र में अबतक कुल तैईस मरीज को भरती कराया गया. रविवार को छह मरीज का इलाज नशा मुक्ति केंद्र में हो रहा था . जबकि 17 मरीज अपना इलाज कराकर स्वस्थ होकर नशा मुक्ति केंद्र से अपने घर जा चुके है. नशा मुक्ति केंद्र में इलाजरत मरीजों में कुछ की और स्थिति घर जाने को हो गयी है. लेकिन चिकित्सक ने उसे डिस्चार्ज नही किया गया है. संभवत: चिकित्सक उन मरीजों को बुरी लत शराब छुड़ाकर ही घर भेजना चाह रहे हो.
कहते हैं मरीज, अब नहीं होती शराब की तलब
सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र में इलाज कराकर घर लौटे मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ हैं. नशा मुक्ति केंद्र में इलाज कराने वाले मरीजों में शहर के ह्दयगंज निवासी विजय चौधरी ने कहा कि कुछ दिन तकलीफ हुई, लेकिन नशा मुक्ति केंद्र से इलाज कराने के बाद अब उनकी जरा सी भी इच्छा शराब पीने की नहीं होती है. अजमत अली ने बताया कि वह सुबह-सुबह ही शराब पी लेता था. जिस दिन वह नशामुक्ति केंद्र में आया था, वह मुख्यमंत्री को कोस था.
अखबार फाड़ देता था, बेड से भागने लग जाता था. पर, इलाज के बाद उसे अब शराब की जरूरत महसूस नहीं होती. पहले शराब नहीं मिलती थी, तो कुछ कर देने को मन करता था. अब सबकुछ सामान्य लगता है. काम में भी दिल लगा रहता है. पैसे भी बचते हैं, जिससे परिवार का भरण पोषण भी अच्छे ढंग से होता है. इस प्रकार सदर अस्पताल में एडमिट अन्य मरीजों ने कहा कि अब अच्छा लग रहा है. शराब नहीं मिलने पर किसी प्रकार की बेचैनी भी नहीं होती है.
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