– भटवाड़ा में प्रगतिशील किसान अंजीत मंडल के खेत पर जुटे किसान सभी किसानों को मखाना, ड्रैगन फ्रूट, आलू उत्पादन पर विशेषज्ञों ने दी कोढ़ा बिहार सरकार के कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में आत्मा योजना अंतर्गत जिला स्तरीय एक दिवसीय पारसमण (परिभ्रमण) कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को प्रगतिशील किसान अंजीत कुमार मंडल के कृषक प्रक्षेत्र, भटवाड़ा, कोढ़ा में किया. कार्यक्रम का सेब, ड्रेगन फ्रूट एवं आलू की वैज्ञानिक खेती रहा. कमान परियोजना निदेशक आत्मा मिथिलेश कुमार ने संभाली. आत्मा कटिहार के तीन प्रखंड फलका, समेली और बरारी से कुल 150 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया. कोढ़ा से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक रंजीत सिंह, बरारी के उद्धम सिंह, कटिहार के गोविंद कुमार, फलका से सहायक तकनीकी प्रबंधक देवांशु कुमार, समेली की कंचन माला सहित कई तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे. वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों ने किसानों को बदलती जलवायु में उन्नत फलों व कृषि फसलों की खेती का तरीका समझाया. सेब की नए किस्मों, ड्रैगन फ्रूट की पिलर तकनीक और आलू की उच्च-गुणवत्ता वाली बीज प्रबंधन प्रणाली पर विशेष जोर दिया गया. किसानों संजय साह, प्रेमचंद साह, मुबारक, सोनेलाल पंडित बरारी, रिंकू शर्मा, जानकी देवी, राकेश रंजन भारती, हिरणी देवी समेली सहित कई प्रतिभागियों ने वैज्ञानिकों से सवाल भी पूछे. प्रगतिशील किसान अंजीत मंडल ने अपने खेत में हो रहे सफल प्रयोगों को साझा किया. कहा, क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट, आलू, मखाना, गेहूं और मक्का की उन्नत खेती से किसान बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. मखाना पर चर्चा करते हुए कहा, एक बीघा खेत में एक बोरा यूरिया, डीएपी और सल्फेट देने से उत्पादन काफी बेहतर मिलता है. मखाना की दो प्रमुख किस्में क्षेत्र में मिलती हैं. सब बेदी, जिसे किसान आमतौर पर लगाते हैं. सब नंबर वन, जिसका फल अधिक बड़ा, रंग गहरा और लवा का आकार भी बड़ा होता है. बरारी प्रखंड के किसान प्रदीप कुमार निराला, छोटे लाल ऋषि, सोभे लाल ऋषि, मुसन ऋषि, बरी भसड़ीरा ने भी अपने गांव में हो रही फसल समस्याओं और संभावनाओं पर चर्चा की. अंत में अधिकारियों ने किसानों को आश्वस्त किया कि आत्मा आगे भी ऐसे प्रशिक्षण और परिभ्रमण कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीण कृषि को नई दिशा देने का काम जारी रखेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

