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संभावित बाढ़ को ले 15 जून तक फ्लड फाइटिंग का कार्य पूरा करने का निर्देश

कटिहार : जिले में आने वाले बाढ़ को लेकर आवश्यक तैयारी का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी को दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने डीएम को लिखे पत्र में बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. साथ ही आपदा मानक के अनुसार 15 जून […]

कटिहार : जिले में आने वाले बाढ़ को लेकर आवश्यक तैयारी का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने जिलाधिकारी को दिया है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने डीएम को लिखे पत्र में बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. साथ ही आपदा मानक के अनुसार 15 जून तक हर हाल में बाढ़ पूर्व तैयारी कर लेने के लिए निर्देशित किया गया है. उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 15 जून तक फ्लड फाइटिंग का काम किये जाने का तिथि निर्धारित है.

डीएम किन-किन बिंदुओं पर बाढ़ पूर्व तैयारी की जानी है. डीएम को लिखे पत्र में उसका विस्तृत रूप से जिक्र है. पत्र में प्रधान सचिव ने कहा है कि हर वर्ष राज्य के कुछ जिले बाढ़ से प्रभावित होते है. बाढ़ प्रवणता के दृष्टिकोण से राज्य के 28 जिलों को बाढ़ प्रवण जिला के रूप में चिह्नित किया गया है. जिनमें कटिहार सहित से 15 जिले अति बाढ़ प्रवण की श्रेणी में आते है.
वर्ष 2017 में राज्य के 19 जिलों में बाढ़ की गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई थी. वर्ष 2016 में भी राज्य के 31 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे. जिनमें कुछ ऐसे जिले भी शामिल थे. बाढ़ प्रवण जिला के में चिह्नित नहीं हैं एवं परंपरागत रूप से बाढ़ से प्रभावित नहीं माने जाते है. पूर्व में सभी जिलों को बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया भेजा गया है. जिसमें अद्यतन आदेशों, परिपत्रों, अनुदेशों आदि का संकलन किया गया है.
इसके अतिरिक्त विभागीय पत्रांक 1973 दिनांक 26.05.2015 द्वारा वर्ष 2015-30 तक के लिए लागू साहाय्य मानदर को परिचारित किया गया है. मानक संचालन प्रक्रिया एवं नये अद्यतन परिपत्रों के आलोक में बाढ़ पूर्व तैयारियां की जानी है. साथ ही बाढ़ आने की दशा में मानक संघालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ आपदा से निबटने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाना जरूरी है.
वर्षा मापक यंत्र की स्थापना
डीएम को लिखे पत्र में प्रधान सचिव ने कहा है कि वर्षा मापक यंत्रों की आवश्यकतानुसार मरम्मत एवं उनको चालू हालत में रखा जाये. वर्षा मापक यंत्रों के रीडिंग के लिए प्रत्येक प्रखंड में दो प्रशिक्षित कर्मियों का निर्धारण आवश्यक है. साथ ही वर्षापात आंकड़ों के त्वरित प्रेषण की व्यवस्था किया जाना भी जरूरी है. संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान करना जरूरी है.
बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की अद्यतन पहचान अनिवार्य रूप से कर ली जाये. इस कार्य के लिए विगत वर्षों में आयी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों और व्यक्ति समूहों के आंकड़ों का उपयोग किया जाये. अनुसूचित जाति एवं जनजाति, निराश्रितों, दिव्यांगों, बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं की सूची विशेष रूप से तैयार की जाये.
पॉलीथीन शीट, सत्तू गुड़, चूड़ा आदि की व्यवस्था : संभावित बाढ़ को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदु पर भी प्रधान सचिव ने जोर दिया है. विस्थापितों क॑ लिए पॉलीथीन शीट्स का आकलन मॉनसून पूर्व सुनिश्चित कर लें एवं संबंधित नोडल जिले को पॉलीथीन शीट्स की आवश्यकता का आकलन कर अधियाचना कर लिया जाये. विभागीय स्तर पर पालीथीन शीट्स के क्रय एवं भंडारण के संबंध में निदेश दिये गये है. बाजार में चूड़ा, गुड़, सत्तू आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें.
राहत पैकेट तैयार करने के लिए टीमों का भी गठन कर लिया जाय. बाढ़ सुरक्षा के लिए गांव, पंचायत एवं प्रखंडों में उपलब्ध संसाधनों का मानचित्रण किया जाये. अंचल में उपलब्ध निजी नाव मालिकों से एकरारनामा कर लिया जाये. सरकारी नावों की मरम्मत कराकर उन्हें परिचालन योग्य बनाया जाये. नाव मालिकों एवं चालकों के पूर्व के बकाये भुगतान के मामलों को निपटाया जाये.

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