कटिहार : सदर अस्पताल में डॉक्टर की घोर कमी है. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे चर्म रोग विशेषज्ञ भी सदर अस्पताल में अपना समय देने से इंकार कर दिये है. चर्म रोग के डॉक्टर नहीं रहने के चर्म रोग मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में नहीं हो पा रहा है.
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अस्पताल में नहीं हैं चर्म रोग डॉक्टर
कटिहार : सदर अस्पताल में डॉक्टर की घोर कमी है. ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे चर्म रोग विशेषज्ञ भी सदर अस्पताल में अपना समय देने से इंकार कर दिये है. चर्म रोग के डॉक्टर नहीं रहने के चर्म रोग मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में नहीं हो पा रहा है. हालांकि स्किन संबंधित […]
हालांकि स्किन संबंधित यदि कोई मरीज सदर अस्पताल में पहुंचते हैं, तो ओपीडी वन में बैठे डॉक्टर ही उनका इलाज कर रहे हैं. जबकि स्किन स्पेशलिस्ट डॉ के न रहने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं रहने से चर्म रोग डॉक्टर का चैंबर बंद रहता है. सदर अस्पताल में चर्म रोग के चिकित्सक नही है. बावजूद लोगो की खासी भीड़ इस कक्ष के बाहर लगी रहती है. मरीज कतारबद्ध होकर घंटों चेंबर के बाहर बैठकर डॉक्टर का आने का इंतजार करते रहते हैं. बाद में उन्हें पता चलता है कि उनका इलाज ओपीडी नंबर वन में बैठे डॉ द्वारा किया जा रहा है.
चर्म रोग विशेषज्ञ से इलाज नहीं किए जाने पर मरीज भी असंतुष्टत नजर आते है. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से कॉन्ट्रेक्ट पर डॉक्टरों की बहाली निकाली गई थी. जिसमें चर्म रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ ऐनुल हक सदर अस्पताल में अपना योगदान दिये थे. तीन महीना काम करने के बाद डॉ हक ने भी सदर अस्पताल में अपना योगदान देने से मना कर दिया.
जिस कारण अस्पताल में चर्म रोग स्पेशलिस्ट का पद खाली पड़ गया है. गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में चर्म रोग से संबंधित बड़ी संख्या में मरीज सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं. जिसका इलाज ओपीडी वन में ही बैठे डॉ कर रहे है. ओपीडी वन में रोजाना अलग-अलग डॉ की ड्यूटी रहती है. ऐसे में स्पेशलिस्ट डॉ नहीं रहने से मरीजों का इलाज कितना कारगर होगा यह कह पाना बड़ा मुश्किल है.
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