कटिहार : मंगलवार की अहले सुबह और फिर दोपहर तेज हवा के साथ हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से जिले के विभिन्न प्रखंडों में पक कर तैयार खड़ी गेहूं एवं मक्का की फसल को नुकसान पहुंचा है.
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तेज हवा-ओलावृष्टि से गेहूं-मक्का की फसल को बड़े पैमाने पर पहुंची क्षति, किसान हताश
कटिहार : मंगलवार की अहले सुबह और फिर दोपहर तेज हवा के साथ हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से जिले के विभिन्न प्रखंडों में पक कर तैयार खड़ी गेहूं एवं मक्का की फसल को नुकसान पहुंचा है. हालांकि नुकसान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है और इसे उपलब्ध होने में 2 से […]
हालांकि नुकसान को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है और इसे उपलब्ध होने में 2 से 5 दिन का वक्त लग सकता है. अलबत्ता नुकसान को नकारा नहीं जा सकता है. शनिवार को भी आई आंधी एवं बारिश से पक कर तैयार गेहूं एवं मक्का की फसल को नुकसान पहुंचा था.
लेकिन मंगलवार को लगभग 8 घंटे के अंतराल पर दो दो बार हुई बारिश एवं तेज हवा के साथ ओलावृष्टि से किसानों पर मुसीबतों की मार आन पड़ी है. जिले के हजारों हेक्टेयर में लगी गेहूं एवं मक्के की फसल की कटाई की के लिए तैयार किसानों को मौसम की बेरुखी ने बढ़ा झटका दिया है.
इसके अलावा बारिश से आम एवं अन्य फलदार उद्यानिकी पौधों को भी थोड़ा लाभ तो थोड़ा नुकसान पहुंचा है .तेज हवा एवं ओलावृष्टि से आम के मंजरी को नुकसान पहुंचा है तो वहीं इनमें लगने वाले कीटों एवं फफूंद आदि से बचाव के मामले में बारिश से लाभ पहुंचा है.
किसान पीट रहे सिर
शनिवार से मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण अब तक बारिश के पानी तेज हवा एवं ओलावृष्टि का सामना कर चुकी मक्का एवं गेहूं की तैयार खड़ी फसलें इससे खासी प्रभावित हुई है. रबी की इन फसलों को किसान या तो काटने की तैयारी कर रहे हैं या फिर काटने की शुरुआत कर चुके हैं. बारिश की वजह से दोनों ही स्थिति में फसलों को नुकसान पहुंचा.
बारिश से जहां तैयार खड़ी फसल की बालियां भीगी कर खराब हुई हैं. खेतों में कटी हुई फसल के बर्बाद होने की तो पूरी की पूरी संभावना है. तेज आंधी और ओलावृष्टि ने भी खड़ी फसल को धरती पर झुकने को मजबूर किया है. हालांकि दोपहर बाद हुई तेज हवा ओलावृष्टि एवं बारिश से मौसम में एकाएक तेज ठंडक का अहसास देखा गया लेकिन इससे सामान्य जनजीवन पर किसी व्यापक क्षति का प्रभाव नहीं देखा गया.
ओलावृष्टि भी बेहद सामान्य और मामूली अंतराल काहोने के कारण व्यापक क्षति का कारण नहीं बना इस दौरान जो लोग जहां थे वहीं फंसे रहे सड़कों पर आ जा रहे लोग वाहनों एवं अन्य सुरक्षित जगहों पर पनाह लेते दिखाई दिए.
मुख्यतः किसानों को ही क्षति
बारिश आंधी एवं ओलावृष्टि के कारण मुख्य रूप से गेहूं एवं मक्का उत्पादक किसानों को नुकसान होने का अनुमान है. हालांकि जिला कृषि विभाग का अभी तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं हुआ है
अलबत्ता विभाग ने क्षति का जायजा लेने की मुहिम शुरू कर दी है वैसे दोनों ही फसलों के दाने खराब होने से उन्हें इसका सही बाजार मूल्य मिलने की संभावना नहीं है.
इस लिहाज से देखें तो जिले में इन दोनों फसलों फसलों में नुकसान से किसानों को लाखों की क्षति होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.
कहते हैं मौसम वैज्ञानिक
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम प्रभाव कृषि विज्ञान केंद्र कटिहार की विषय वस्तु विशेषज्ञ स्वीटी कुमारी के अनुसार पिछले 78 एवं 9 अप्रैल को क्रमशः 14.8, 0 एवं 14.2 मिलीलीटर वर्षा रिकॉर्ड किया गया जो कमोबेश मौसम पूर्वानुमान के अनुरूप है.
आगामी 5 दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा. आसमान में अधिकांश तो बादल छाए रहेंगे और बारिश होगी इसलिए किसानों को फसल कटाई के लिए 14 अप्रैल तक का इंतजार करना चाहिए.
पांच दिनों का मौसम पूर्वानुमान
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के पूर्व आकलन के अनुसार 14 अप्रैल तक औसत रूप से 9 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान है. आद्रता 77.6 से लेकर 45.8 तक रहेगी. हवाओं की दिशा उत्तर पूर्वी एवं पूर्वी रहेगी.
कहते हैं डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि कटाई के लिए तैयार गेहूं एवं मक्के की फसल में संभावित क्षति को लेकर सर्वेक्षण का निर्देश दिया जा चुका है. सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों एवं स्थितियों की समीक्षा कर समुचित कार्यवाही की जायेगी.
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