भभुआ. सूबे के विख्यात शक्ति पीठ मुंडेश्वरी धाम में अब वन प्रमंडल इको फ्रेंडली वाहन चलावायेगा. यह वाहन धाम के पहाडी के नीचे से लोगों को धाम के ऊपर मंदिर तक पहुंचायेगा. साथ ही मुंडेश्वरी धाम में आने वाले वाहनों को खड़ा करने के लिए मुंडेश्वरी पहाड़ी के नीचे पार्किंग स्थल बनया जायेगा. गौरतलब है कि चार दिन पहले बिहार सरकार के वन पर्यावरण व जलवायु मंत्री डाॅ सुनील कुमार कैमूर आये थे. यहां उन्होंने मुंडेश्वरी धाम सहित वन प्रक्षेत्र के अन्य इलाकों का भ्रमण किया था. हालांकि जाते-जाते माता के दरबार के लिए उन्होंने वन प्रमंडल पदाधिकारी कैमूर चंचल प्रकाशम को पर्यटन विकास की दृष्टि से धाम को सुसज्जित करने के निर्देश सहित अन्य सौगात भी दे दिये. मंत्री द्वारा डीएफओ को निर्देश दिया गया कि धाम में पर्यटन विकास की दृष्टि से धाम के नीचे सर्किट हाउस से लेकर मुंडेश्वरी मंदिर के पहाडी के ऊपर तक इको फ्रेंडली वाहन चलाया जाये. ताकि, वैसे श्रद्धालु जिनके पास वाहन नहीं है और कमजोर या बुजुर्ग हैं, माता के दर्शन के लिए इन वाहनों से पहाड़ी के ऊपर पहुंच सके. डीएफओ ने बताया कि मंत्री के निर्देश पर इस प्रस्ताव का डीपीआर बना कर सरकार को भेजा जायेगा. सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद धाम में इको फ्रेंडली वाहन की शुरूआत करा दी जायेगी. उन्होंने बताया इसी तरह मुंडेश्वरी में बने इको पार्क को भी और आकर्षक बनाया जायेगा. ताकि धाम आने वाले श्रद्धालु या परिवार पार्क में आकर सकून पा सकें. गौरतलब है कि मुंडेश्वरी धाम में हर वर्ष चैत्र और शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं को अपार रैला पहुंचता है. इसमें सूबे सहित झारखंड, ओड़िशा, बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं से लेकर कभी कभी विदेशी पर्यटक भी माता के चरणों में मत्था टेक कर मां का आशीर्वाद पाते हैं. पार्किंग स्थल का प्रस्ताव कराया जा रहा तैयार इस संबंध में जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी चंचल प्रकाशम ने बताया कि मंत्री द्वारा धाम के नीचे वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग स्थल बनाने का भी प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है, जो सरकार को भेजा जायेगा. उन्होंने बताया प्राइवेट वाहन जो मंदिर के ऊपर तक जाते हैं. इको फ्रेंडली वाहन चालू होने के बाद धाम के ऊपर जाने वाले इन प्राइवेट वाहनों को नीचे ही रोक दिया जायेगा. ऊपर जाने की अनुमति नहीं होगी. लोग अपने वाहन पार्किंग स्थल में खड़ा करेंगे. उन्होंने बताया इससे जहां पर्यावरण संरक्षण बढ़ेगा, वहीं ट्रैक्टर आदि जैसे वाहन जो श्रद्धालुओं को लेकर ऊपर जाते थे. उनसे धाम के पहाड़ी की सडक भी अधिक खराब होती रहती थी. इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए पहाड़ी के नीचे ही वाहनों को खड़ा करवाया जायेगा. इन्सेट नौका विहार के लिए मंत्री ने दुर्गावती जलाशय को दिये दो नया बोट भभुआ. कैमूर पहुंचे वन पर्यावरण व जलवायु मंत्री ने जहां एक तरफ मुंडेश्वरी धाम को पर्यटन विकास के दृष्टि से सुसज्जित और आकर्षक बनाने का निर्देश दिया. वहीं, दूसरी तरफ पर्यटकों को आकर्षित करने वाले जिले के सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना दुर्गावती जलाशय को भी दो नया बोट प्रदान किया. इसके बाद अब जलाशय का प्रबंधन देखने वाले वन प्रमंडल कैमूर द्वारा जलाशय पर आने वाले श्रद्धालुओं को नौका विहार करने के लिए चार बोट उपलब्ध रखे जायेंगे. गौरतलब है कि तीन पहाड़ी चोटियों के गोद में पहाड़ का पानी लेकर हिलोरें लेने वाला दुर्गावती जलाशय नौका विहार का बड़ा स्पॉट बनता जा रहा है. नतीजा है साल के पहले दिन या किसी विशेष पर्व त्योहार के अवसर पर नौका विहार के लिए बोटों की कमी के कारण सैलानियों को लंबा इंतजार करना पड़ता था. पहले जलाशय पर दो ही बोट थे. लेकिन, अब चार बोट हो जाने के बाद लोगों के इंतजार की घड़िया कम या लगभग समाप्त हो जायेगी.
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